* समयसूचकता से बडी अनहोनी टली
चांदूर रेलवेे/दि.5-चांदूर रेल्वे निवासी संतोष सोलंके अपने परिवार के साथ पुणे स्थित इंद्रधनुष ग्रेस सोसायटी में निवास कर रहे है. सोसायटी के बाहर बने स्वीमिंग पूल के पास खेल रही तीन वर्षीय मासूम पुल में गिर गई थी. वहीं 11 वर्षीय आरल सोलंके ने पूल में कूदकर मासूम को बाहर निकाला और पेट में घूसा पानी निकालकर उसकी जान बचाई.
जानकारी के मुताबिक इंद्रधनुष ग्रेस सोसायटी में शाम के समय श्रीशा नामक तीन वर्षीय मासूम स्विमींग पूल के पास खेल रही थी. खेलते खेलते श्रीशा स्वीमींग पूल में गिर गई.
मासूम को पानी में गिरता देख सोसायटी की एक महिला बचाओ बचाओ चिल्लाने लगी. ऐसे में उसकी आवाज आरल सोलंके को सुनाई दी. आरल ने समयसूचकता दिखाई. एक भी पल की देरी किए बगैर वह दौडती हुई स्वीमींग पूल के पास पहुंची. और अपने जान की परवाह किए बगैर आरल स्वीमींग पूल में कूद पडी. तैरते हुए श्रीशा तक पहुंची. एक हाथ से श्रीशा को पकडकर किनारे तक लाया. बाहर निकालकर उसे जमीन पर लेटाया और पंम्पींग तकनीक का इस्तेमाल कर श्रीशा के पेट, नाक, मुंह में घूसा पानी बाहर निकाला. आरल की समयसूचकता से तीन वर्षीय मासूम की जान बच गई. यदि थोडी सी भी देरी होती तो श्रीशा के फेफडों में पानी घूस सकता था. आरल की तत्परता से बडी अनहोनी टल गई. आरल के इस साहस को देखते हुए उसका सर्वत्र अभिनंदन किया जा रहा है.
* जांबाज आरल ने पेश की मिसाल
जिंदगी में अक्सर युवती- महिलाओं के साथ हादसे होते है. लेकिन कई बार महिलाएं आसू बहाने लगती है. उसी वक्त अगर महिलाएं हिम्मत दिखाकर मुसीबतों का सामना करना सीख ले तो उन्हें किसी के मदद की जरुरत नही पडेगी बल्की वही दूसराेंं की मदद के काबिल बन सकती है. ऐसी ही एक मिसाल सोलंके परिवार की जांबाज आरल ने पेश की है. आरल के इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की जा रही है. सोसायटी के नागरिकों ने आरल के माता- पिता को भी सलाम किया. उन्होने ऐसी जांबाज बेटी को जन्म देकर उसे मदद के काबिल बनाया.