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मुझे भाजपा के लोगों ने पैसे दिये थे इसलिए मैं खडा हुआ

उस’ बलवंत वानखडे ने आरोप लगाया

अमरावती /दि.8– अमरावती लोकसभा का चुनावी संग्राम इस बार अच्छा खासा रंगने वाला है. राज नये-नये राजनीतिक कांड सामने आ रहे है. इसी कडी में एक नया मामला सामने आया है, जिसमें माता खिडकी परिसर में रहने वाले बलवंत हरिभाउ वानखडे ने आरोप लगाया है कि, उसे भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोगों ने खर्च के लिए पैसे दिये थे और कहा था कि, व्यापार के लिए कर्ज दिलाएंगे. भाजपा के कुछ लोगों ने मुझे जिलाधिकारी कार्यालय पर जिला चुनाव अधिकारी के सामने खडा कर दिया. बाद में मुझे पता चला कि, लोकसभा की उम्मीदवारी का आवेदन दाखिल कर दिया गया है. इसके बाद मुझे अखबारों में नाम पढकर और लोगों से पता चला कि, मेरा फार्म भरवा दिया गया है. माता खिडकी परिसर में रहने वाले प्रभाकर वाडसे ने मुझे समझाकर कहा कि, मेरे साथ धोखाधडी हुई है. चुनाव लडना यह मेरा काम नहीं था, इसलिए मैंने अपनी उम्मीदवारी वापिस ले ली.
शनिवार को माता खिडकी पर रहने वाले बलवंत हरिभाउ वानखडे अपक्ष ने अपनी उम्मीदवारी वापिस ले ली. उम्मीदवारी वापिस लेते समय खींची गई तस्वीरें दर्शाती है कि, अमरावती लोकसभा में राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों के समर्थक कैसे-कैसे षडयंत्र रच रहे है.

* कांग्रेस के बलवंत वानखडे के वोट खराब करना चाहते थे
बलवंत हरिभाउ वानखडे जो माता खिडकी परिसर में रहते है और जिनका जबर्दस्ती अपक्ष फार्म भरवाया गया था, को खडा करने के पीछे भाजपा की चाल थी. भाजपा के कुछ पदाधिकारी चाहते थे कि, बैलेट मशीन पर कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार बलवंत वानखडे के अलावा भी कोई दूसरा बलवंत वानखडे भी खडा हो और मतदाताओं में कन्फूजन निर्माण हो, जिसका फायदा भाजपा को मिलता. लेकिन समय रहते अपक्ष उम्मीदवार बलवंत हरिभाउ वानखडे को ईश्वर ने समबुद्धि और समझदारी दे दी तथा उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापिस ले ली.

* चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए
बलवंत हरिभाउ वानखडे (अपक्ष) जिन्होंने अपनी उम्मीदवारी पीछे ले ली है, के गंभीर आरोपों पर यहां के चुनाव आयोग विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए, यदि उन्हे जबर्दस्ती खडा किया गया, तो वे लोग कौन थे, जिन्होंने बलवंत हरिभाउ वानखडे, माता खिडकी को पैसे दिये और उम्मीदवारी पर्चा दाखिल करवाया. उनकी पुलिस ने तलाश कर उन पर कार्रवाई करनी चाहिए. चुनाव विभाग बडे-बडे दावे और दम भरता है कि, निष्पक्ष, निर्भिक और खुले वातावरण में चुनाव संपन्न होंगे. परंतु लगातार बाहर आ रही कुछ खबरों ने सिद्ध किया है कि, चुनाव निर्भिक और निष्पक्ष नहीं हो रहे है.

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