* डॉ. पचलोरे फाउंडेशन का आयोजन
अमरावती /दि.15-स्थानीय ज्ञानमाता हाईस्कूल में डॉ. पचलोरे फाउंडेशन व ज्ञानमाता हाईस्कूल के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल जयंती तथा बाल दिवस व बिशप माल्कम स्क्वेरा के जन्मदिन के अवसर पर रक्तदान शिविर व मतदाता जनजागृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. रक्तदान शिविर में 100 से अधिक रक्तदाताओं ने रक्तदान किया.
इर्विन चौक स्थित ज्ञानमाता हाईस्कूल के प्रांगण में गुरूवार की सुबह 11 बजे रक्तदान शिविर का उदघाटन विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ किया गया. इस अवसर पर बिशप माल्कम स्क्वेरा ने अपने संबोधन में कहा कि प्रेम, करूणा, व बंधुत्व के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए रक्तदान यह सशक्त मार्ग है और लोकतंत्र को मजबूत बनाने मतदान यह मतदाताओं का अधिकार और कर्तव्य है. सभी ने मतदान करना चाहिए. बालदिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों ने मनमोहक व रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए.
इस अवसर पर ज्ञानमाता हाईस्कूल के मुख्याध्यापक फॉदर आरोक्य सामी ने नाट्य संगीत द्बारा रक्तदान का महत्व तथा मतदाता जनजागृति के लिए पथनाट्य की प्रस्तुति दी और कहा कि खून के रिश्तों से अधिक रक्तदान का रिश्ता निर्मल होता है. रक्तदान शिविर को जिला शल्य चिकित्सक दिलीप सौंदले ने भेंट देकर डॉ. पचलोरे फाउंडेशन व ज्ञानमाता हाईस्कूल द्बारा आयोजित उपक्रम की सराहना की. उन्होंने कहा कि जीवनयापन के समय रक्तदान व जाते समय देहदान व अंगदान करना यह समय की जरूरत बन चुकी है. रक्त यह जीवनदायी अमृतुल्य है. जिसकी हमें समय-समय पर जरूरत होती है. इसलिए रक्तदान जैसा दूसरा पुण्यकर्म नहीं है.
रक्तदान शिविर में डॉ. पचलोरे फाउंडेशन के संचालक डॉ. विक्रमसिंह पचलोरे ने कहा कि आज के आधुनिक युग में जीवन जीते समय मनुष्य को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक विकास के साथ सामाजिक दायित्व को भी निभाना पडता है. रक्तदान से अधिक सरल , सहज और सुगम मार्ग नहीं है और साथ ही उन्होंने मतदान को लेकर कहा कि मतदान की ताकत से हम भविष्य बदल सकते है. शिविर में उपस्थित डॉ. अनिल कविमंडन ने कहा कि खून अमृततुल्य होता है. स्वास्थ्य धन संपदा के संवर्धन हेतु जीवन को अनुशासन व खुशी के साथ जीना चाहिए. रक्तदान शिविर में जिलाधिकारी सौरभ कटियार व जिप सीईओ संजीता मोहपात्रा के हस्ते डॉ. पचलोरे फाउंडेशन को सम्मानपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. रक्तदान शिविर को सफल बनाने सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी व अभिभावकों ने सहयोग दिया तथा आभार डॉ. संजीवनी पचलोरे ने माना.