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बैंक के मायाजाल में फसते जा रहे कर्जदार

कर रहे गैरकानूनी ढंग से वसूली

अमरावती/दि.30– जनता सरकार मोर्चा व कर्जदार हक्क संरक्षण संगठन की ओर से जिलाधिकारी को बार बार निवेदन देकर भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. सरफेसी एक्ट 202 के अनुसार 20 से 25 लाख रुपयों के उपर लागु होने के बावजूद भी जिलाधिकारी छोटे-छोटे अमाऊंट लोन पर जप्ती के आदेश निकाल रहे है. राजकिय व गुंडातत्वों की संरक्षण के जोर पर कर्जदारों पर दबाव डाल कर करोडों की संपत्ति कर्जदारों के पक्ष न पुछते हुए कौडी के दाम में संपत्ती बेची जा रही है. इन वसूलीकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग संगठन की ओर से की गई.

जनता सरकार मोर्चा व कर्जदार हक्क संरक्षण संगठन की ओर से आरोप लगाते हुए कहा गया कि वसूली एजंट की पुलिस के साथ भी साठगांठ रहने से कोई भी कर्जदार शिकायत करने के लिए सामने नहीं आता हैं. गैरकानूनी ढंग से वसूली करने के चलते कोर्ट के आदेश व बैंकों व फाईनेंस कंपनी के एजंट ऐसे रहते है जैसे उन्हें किसी भी सरकारी आदेश व यंत्रणा का डर नहीं है. आरबीआई व्दारा निश्चित ब्याज दर की बजाए ज्यादा का ब्याज दर लेकर किसानों, व्यापारी, नौकरीपेशा लोगों को नाहक की मानसिक परेशान किया जा रहा है. अमरावती शहर में हंगामा मचाने के बादज मे. शुभम हाऊसिंग डेव्हलपमेंट फाईनांस कंपनी के एजंट सतिश वानखडे, सुरेश उपाध्याय यह गैरकानूनी ढंग से कर्जदारों के गृहकर्ज रहने पर अश्लिल गालियां देकर कर्जदारों की गाडी जप्त कर रात-देर रात कर्जदारों के घर जाकर गैर कानूनी तरीके से वसूली कर रहे है. इत्यादी अत्याचार कर रहे है. कर्जदारं को न्यायीक हक के लिए जनता सरकार मोर्चा व कर्जदार हक संरश्रण संगठन के कार्यकर्ता शकुर बेग, नयेश आकोटकर, नेवेश वर्मा, शिरिष कुरलकर, संतोष सुर्यजोशी, मनोज बालस्कर, प्रकाश मिरासे, नरेन्द्र दाऊतपुरे, दिनेश बैतुले, ज्योति वानखडे, सचिन मांडवगले, चंदु पाटील, धनंजय पाटील आदि कार्यकर्ता तत्पर रहकर कर्जदारों के हक के लिए लड रहे है.

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