अन्य

शहर में 25 फीसद से अधिक घरों व इमारतों का निर्माण गैरकानूनी

पूर्व अनुमति लिये बिना किया जाता है अतिरिक्त निर्माण

* नियमोें का हो रहा खुला उल्लंघन

अमरावती/दि.18- शहर में घर अथवा किसी इमारत का नये सिरे से निर्माण करते समय अथवा अस्तित्व में रहनेवाले घरों के क्षेत्रफल में वृध्दि या सुधार करते समय महानगरपालिका से पूर्व अनुमति लेना बेहद जरूरी है. किंतु पुराने निर्माण में कोई बदलाव अथवा अतिरिक्त निर्माण कार्य करते समय नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है. जिसके चलते अमरावती शहर में 85 फीसद से अधिक घरों, इमारतों व फ्लैटस् का निर्माण अनधिकृत व नियमबाह्य है, ऐसी जानकारी मनपा के पांचों झोन कार्यालयों द्वारा दी गई है. किंतु यह जानकारी पता रहने के बावजूद शिकायत मिलने के बाद ही किसी निर्माणकार्य की जांच की जाती है और यदि इसमें संबंधित संपत्तिधारक दोषी पाया जाता है, तो उस पर अतिरिक्त निर्माण के अनुसार संपत्ति कर व दोगुने दंड की राशि लगायी जाती है. ऐसे में यदि आस-पडौस के लोगों से अच्छे संबंध है, तो अनधिकृत निर्माण करनेवाले लोगबाग बिना टेन्शन के रह सकते है.
उल्लेखनीय है कि, घर के निर्माण का खर्च कम करने हेतु पडोसी की घर की दीवार से सटकर निर्माण किये जाने के शहर में अनेकों उदाहरण है. जबकि हकीकत में किसी भी प्लॉट पर आगे-पीछे व आजू-बाजू खुली जगह छोडकर ही निर्माण किया जाना अपेक्षित होता है. किंतु छोटे भूखंड पर बडा घर बनाने की लालच में खुली जगह छोडी ही नहीं जाती. यदि केवल एक ही मंजील बनाने की अनुमति रहती है, तो बिना अनुमति उपरी मंजील का भी निर्माण कर लिया जाता है. क्योेंकि जब तक इसे लेकर कोई शिकायत अथवा जांच नहीं होती, तब तक संपत्ति कर में बचत होती है. इसी तरह रिहायशी संकुलों में यदि गैलरी बडी है, तो उसे बंद करते हुए उसे कमरे में तब्दील कर दिया जाता है. साथ ही कई अपार्टमेंट में पार्किंग हेतु छोडी गई जगह के किसी एक हिस्से में निर्माण किया दिखाई देता है. ऐसे कई उदाहरण खुलेआम दिखाई देते है. किंतु उन पर होनेवाली कार्रवाई की संख्या बेहद नगण्य है.
पुराने शहर में तो अधिकांश स्थानों पर बडे पैमाने पर अनधिकृत निर्माण कार्य है. क्योंकि वहां पर कई घर एक-दूसरे से बिल्कुल सटे हुए है. इसमें भी लोगों को इस बात का एहसास भी नहीं कि, वे जाने-अनजाने नियमों का उल्लंघन कर रहे है. जबकि एक-दूसरे के घर से दीवार की सटी रहने और बीच में कोई जगह खाली नहीं रहने की वजह से कभी भी कोई अप्रिय स्थिति पैदा हो सकती है. किंतु हादसे हमेशा नहीं होते, ऐसा विचार करते हुए अधिकांश लोग धडल्ले के साथ गैरकानूनी निर्माण करते है.

* पडौसियों में विवाद होने पर सामने आते है मामले

यदि आसपडौस में रहनेवाले किसी व्यक्ति के साथ कोई विवाद है, तो ही अनधिकृत निर्माण संबंधी मामले सामने आते है. क्योंकि तब पडौसियों द्वारा अपने आसपास रहनेवाले व्यक्ति द्वारा किये गये अवैध निर्माण की शिकायत मनपा प्रशासन के पास की जाती है और शिकायत मिलने के बाद ही मनपा प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती है. वहीं जब तक कोई शिकायत नहीं आती, तब तक मनपा प्रशासन द्वारा कोई जांच अथवा कार्रवाई भी नहीं की जाती, जबकि खुद मनपा अधिकारियों के मुताबिक यदि आज ही शहर की सभी संपत्तियों की जांच की जाती है, तो शहर में 85 फीसद से अधिक घर व इमारतों में गैरकानूनी व नियमबाह्य निर्माण पाया जायेगा. मनपा अधिकारियों के मुताबिक लोगों द्वारा एक ओर तो खुलेआम नियमों का उल्लंघन किया जाता है, वहीं संपत्ति कर में होनेवाली वृध्दि का विरोध करते हुए संपत्ति कर की अदायगी भी समय पर नहीं की जाती.

* जवाबदारी प्रत्येक झोन कार्यालय की

अनधिकृत निर्माण कार्य के संदर्भ में कार्रवाई करने की जवाबदारी प्रत्येक झोन कार्यालय के पास सौंपी गयी है. जिसके चलते नगर रचना विभाग द्वारा सीधी कार्रवाई नहीं की जाती.
– आशिष उईके
सहायक संचालक, नगर रचना

* शिकायत मिलने पर करते है कार्रवाई
हमारे पास अनधिकृत निर्माण को लेकर रोजाना दो से तीन शिकायतें आती है और शिकायत मिलने के बाद तुरंत ही जांच करते हुए कार्रवाई की जाती है. जिसके तहत संबंधित संपत्ति धारक पर दोगुना संपत्ति कर लगाया जाता है.
– प्रमोद इंगोले
उपअभियंता, मनपा

Related Articles

Back to top button