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क्या देखने से भी फैलती है आंख आने की बीमारी

एक माह से लगातार बना हुआ है आंख आने का संक्रमण

* सरकारी अस्पताल में आंखों के मरीजों की काफी भीड
अमरावती /दि.14– जिले में इस समय आंख आने की बीमारी का संक्रमण चल रहा है. जिसे लेकर लोगों में एक यह भी गलत फहमी है कि, अगर किसी व्यक्ति की आंखे आयी हुई है, तो उसे देखने की वजह से भी आंख आने की बीमारी हो सकती है. जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होता, बल्कि आंख आए व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने की वजह से और उसके बजाय प्रयोग में लायी गई वस्तु के प्रयोग करने से किसी अन्य व्यक्ति में इस बीमारी का संक्रमण फैलता है, ऐसा नेफ्रो विशेषज्ञ का कहना है.
बता दें कि, जिले में इस समय बडे पैमाने पर कंजेक्टीवाटीस नामक बीमारी का संक्रमण फैला हुआ है. जिसे आंख आने की बीमारी भी कहा जाता है. विशेष तौर पर बारिश के मौसम दौरान वातावरण में होने वाले बदलाव की वजह से यह बीमारी फैलती है. बारिश के मौसम दौरान आद्रता बडे पैमाने पर रहती है. जिसकी वजह से कंजेक्टीवाटीस के वायरस के फैलने का प्रमाण बढ जाता है. यद्यपि यह बीमारी गंभीर स्वरुप की नहीं है, लेकिन इससे होने वाली तकलीफ काफी अधिक होती है. विशेष तौर पर छोटे बच्चों का इस बीमारी की चपेट में आने का प्रमाण सबसे अधिक है. इन लगभग प्रत्येक घर में इस बीमारी के मरीज है. जिसकी वजह से सभी सरकारी व निजी अस्तपालों में आंख आने की बीमारी के मरीजों की बहुतायत देखी जा रही है.

* आंख आए व्यक्ति को देखने पर नहीं आती आंख
यदि किसी व्यक्ति को कंजेक्टीवाइटीस का संक्रमण हुआ है और उसकी आंखे आयी हुई है, तो उसकी आंखों की ओर देखने पर किसी अन्य व्यक्ति को कंजेक्टीवाइटीस नहीं होता, बल्कि आंख आए व्यक्ति द्बारा प्रयोग में लायी गई वस्तु का प्रयोग करने पर आंख आने की संभावना अधिक होती है. जिसके चलते आंख आए व्यक्ति के संपर्क से दूर रहना चाहिए और विशेष सावधानी भी बरतनी चाहिए.

* आंख आने पर घबराए नहीं
– आंख आना यह बेहद सामान्य बात है. जिससे योग्य सावधानी व सतर्कता बरतते हुए बचा भी जा सकता है.
– आंख आने पर तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ से मिलकर इलाज करवाना चाहिए और उनकी सलाह से ही आंखों में कोई ट्यूब या दवाई डालनी चाहिए.

* सर्दी, खासी व बुखार रहने पर आय फ्ल्यू का खतरा
आंख आने की बीमारी एक तरह का संक्रमण अथवा इलर्जी है. जि स वायरस की वजह से अक्सर सर्दी, खांसी व बुखार की बीमारी होती है, उसी वायरस के चलते आय फ्ल्यू होने का भी खतरा होता है.

* संपर्क में आने से फैलती है बीमारी
आंख आने की बीमारी से संक्रमित किसी व्यक्ति के ज्यादा संपर्क में आने की वजह से किसी अन्य व्यक्ति को भी यह संक्रमण हो सकता है. ऐसे में संक्रमित व्यक्ति द्बारा प्रयोग में लाए गए टॉवेल व रुमाल सहित अन्य वस्तुओं के प्रयोग से बचना चाहिए.

* कौन सी सतर्कता जरुरी
जिस व्यक्ति की आंखे आयी हुई है. उसके द्बारा प्रयोग में लाए जाने वाले कपडे, टॉवेल व रुमाल का प्रयोग कतई न करें. क्योंकि इन वस्तुओं का प्रयोग करने पर किसी अन्य व्यक्ति को भी संक्रमण हो सकता है.
इसके साथ ही आंख आए व्यक्ति के हाथो का स्पर्श करने से बचना चाहिए और बार-बार अपनी आंखों पर हाथ नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि इसकी वजह से भी आंख आने की बीमारी हो सकती है.

* सरकारी अस्पताल में रोजाना 60 मरीज
इस समय जिला सामान्य अस्पताल में आंख आने की बीमारी से पीडित 60 से 70 मरीज रोजाना ही पहुंच रहे है. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की ओपीडी भी सबसे अधिक है.

* जिला सामान्य अस्पताल में विगत एक सप्ताह से रोजाना ही कंजेक्टीवाइटीस का संक्रमण रहने वाले मरीज आ रहे है. आंख आने की बीमारी कुछ हद तक संक्रामक है. ऐसे में नागरिकों ने अपने स्वास्थ्य और आंखों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए.
– डॉ. संतोष भोंडवे,
नेत्रतज्ञ, जिला अस्पताल.

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