फसल का चयन करते समय सावधानी जरुरी
अमरावती/दि.25 – भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस बार औसत की तुलना में केवल 95 फीसद बारिश होने का अनुमान जताया है. साथ ही कहा गया है कि, इस वर्ष मानसून पर अल-निनो नामक चक्रवाती तूफान का असर रहने की संभावना है. जिसके चलते खरीफ सीजन फसलों पर भी इसका परिणाम निश्चित तौर पर पडेगा, ऐसे में किसानों को बारिश की स्थिति पर नजर रखते हुए फसलों की बुआई करना होगा. यदि बारिश का मौसम देर से शुरु होता है. अथवा बारिश के बीच थोडा लंबा ठंड पडता है, तो ऐसी स्थिति में फसले पानी की कमी को सहन नहीं कर पाएंगे. इसकी वजह से किसानों को फसलों का चयन करते समय भी काफी सतर्कता बरतनी होगी.
* 31 मई को घोषित होगा बारिश का अनुमान
बारिश एवं मानसून को लेकर भारतीय मौसम विभाग द्बारा आगामी 31 मई को अधिकृत तौर पर अपना अनुमान घोषित किया , जाएगा. उसके हिसाब से फसलों का नियोजन करना किसानों के लिए सुविधापूर्ण रहेगा.
* इस बार जुलाई में ही बारिश
अल-निनो के प्रभाव की वजह से इस बार बारिश के बाधित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में यदि मानसून के पूरी तरह से सक्रिय होने में विलंब होता है, तो इसका सीधा मतलब है कि, सही मायनों में जुलाई माह से बारिश का सीजन शुरु होने की संभावना है.
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* जिले में खरीफ का 7 लाख हेक्टेअर बुआई क्षेत्र
अमरावती जिले में खरीफ का बुआई क्षेत्र करीब 6.80 लाख हेक्टेअर क्षेत्र रहने वाला है. जिसमें से 2.60 लाख हेक्टेअर क्षेत्र मेें कपास, 2.55 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई हो सकती है. साथ ही बारिश के प्रमाण को देखते हुए यह बुआई क्षेत्र कुछ कम -ज्यादा हो सकता है.
* किस तरह की सावधानी बरते किसान
बारिश का सीजन शुरु होने में विलंब होने अथवा बारिश के जुलाई माह से शुरु होने पर मुंग या उदड की आंतर फसलों सहित अन्य फसलें लेने पर विचार किया जाए.
15 जुलाई तक बारिश शुरु होने पर बुआई के लिए 20 फीसद अधिक बीजों का प्रयोग करें. साथ ही 2 पेडों के बीच अंतर को कम रखे.
संपूर्ण क्षेत्र में एक ही आंतर फसल लेने की बजाय थोडे-थोडे क्षेत्र में अलग-अलग आंतर फसलों की त्रिस्तरीय पद्धति से बुआई करें.
बारिश में 4 हफ्ते से अधिक का विलंब होने पर रासायनिक खादों के प्रयोग में 25 फीसद की कटौती करें.
* फसल चुनते समय मानसून का अंजादा जरुरी
मौसम विभाग द्बारा जल्द ही मानसून को लेकर अपना अनुमान व्यक्त किया जाएगा. इसके अलावा कृषि विभाग भी किसानों को सम-समय पर आवश्यक निर्देश देने वाला है. ऐसे मेें बारिश की स्थिति पर नजर रखते हुए खरीफ फसलों का नियोजन करना किसानों के लिए काफी सुविधापूर्ण होगा.
* बारिश का मौसम शुरु होने में बहुत अधिक विलंब तो नहीं होगा, लेकिन यदि ऐसा होता है, तो मुंग व उदड का बुआई क्षेत्र कम होगा और इसके स्थान पर अन्य फसलें ली जा सकेगी. इसमें आंतरफसल लेना किसानों के लिए सुविधाजनक रहेगा. कृषि विभाग द्बारा स्थिति पर नजर रखते हुए हर तरह का आपातकालीन नियोजन तैयार रखा गया है.
– अनिल खर्चान,
उपसंचालक, कृषि विभाग
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