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केंद्र सरकार की नीतियां है देश के लिए घातक

आयटक की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर का प्रतिपादन

भाकपा के राज्य अधिवेशन में रही हजारों लोगों की उपस्थिति
अमरावती-दि.19  देश में महंगाई व बेरोजगारी का प्रमाण दिनोंदिन बढता जा रहा है. इस समय मजदूरों के पास कोई काम नहीं है. खुद सरकारी आंकडों के मुताबिक देश में होनेवाली कुल आत्महत्याओं में से 25 फीसद आत्महत्याएं मेहनतकश मजदूरों द्वारा की जा रही है. वहीं दूसरी ओर मुठ्ठीभर लोगों के हाथ में पूरे आर्थिक सुत्र आ गये है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार की नीतियां देश के लिए घातक हो चली है. अत: अब अपने अधिकारों के लिए रास्ते पर उतरकर लडाई लडने की जरूरत है. इस आशय का प्रतिपादन आयटक की राष्ट्रीय महासचिव कॉ. अमरजीत कौर ने किया.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 24 वें तीन दिवसीय प्रदेश अधिवेशन का प्रारंभ कल रविवार 18 सितंबर से अमरावती में हुआ, जिसके उद्घाटन अवसर पर प्रमुख अतिथी के रूप में अमरजीत कौर अपने विचार व्यक्त कर रही थी. विशेष उल्लेखनीय है कि, करीब 27 वर्ष बाद अमरावती में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का तीन दिवसीय प्रदेश अधिवेशन आयोजीत किया गया है. जिसमें हिस्सा लेने के लिए समूचे राज्य से हजारों पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित हुए है.
इस समय अपने संबोधन में अमरजीत कौर ने कहा कि, देश में इन दिनों सुशिक्षित बेरोजगारों की संख्या दिनोंदिन बढती जा रही है. सरकारी आंकडों के मुताबिक देश में कक्षा 12 वीं तक पढाई पूर्ण करनेवाले केवल दस फीसद युवाओं के पास ही रोजगार है. वहीं उच्च शिक्षित डॉक्टर, इंजीनियर व पदवीधर में से केवल 33 फीसद युवाओं के पास रोजगार है. इसके अलावा अन्य सभी युवा बेरोजगार है. इसकी वजह से देश के युवाओं में अच्छा-खासा असंतोष व्याप्त है. इसी के चलते देश में होनेवाली कुल आत्महत्याओं में से 25 फीसद आत्महत्याएं मेहनत-मजदूरी करते हुए गुजर-बसर करनेवाले मजदूरों द्वारा की जाती है. लेकिन आत्महत्या कोई पर्याय नहीं है, बल्कि इस समय अपने अधिकारों के लिए रास्ते पर उतरकर न्याय की लडाई लडने की जरूरत है, अन्यथा धनाढ्यों के लिए बनाई जानेवाली केंद्र सरकार की नीतियो के चलते देश के सर्वसामान्य लोग एक बार फिर गरीबी की गहरी खाई में चले जायेंगे.
भाकपा के प्रदेश सचिव तुकाराम भस्मे की अध्यक्षता में आयोजीत इस अधिवेशन में स्वागताध्यक्ष साहेबराव विधले, राष्ट्रीय सचिव भालचंद्र कानगो, नामदेव चव्हाण, राम बाहेती, स्मिता पानसरे व सुभाष लांडे, अ. भा. किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुलकुमार अंजान (नई दिल्ली) आदि उपस्थित थे. इस अवसर पर तुकाराम भस्मे को माधवराव गायकवाड जीवनगौरव पुरस्कार भी प्रदान किया गया.

* हमारी लडाई समता और समानता के लिए
इस अधिवेशन में अपने विचार व्यक्त करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय सचिव भालचंद्र कानगो ने कहा कि, इस समय देश में फासिस्टवादी लोगों की सत्ता है. जिन्हें सत्ता से हटाने हेतु हम समतावादी, समानतावादी व मानवतावादी लडाई लड रहे है. देश में जब तक जातियवादी व्यवस्था खत्म नहीं होती, तब तक हम सत्ता में नहीं आ सकते. ऐसे में सभी परिवर्तनवादी संगठनों ने एक साथ आकर संघर्ष करना चाहिए.

* शहर में निकाली गई भव्य महारैली
इस अधिवेशन से पहले इर्विन चौराहे से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पुतले का अभिवादन करते हुए भाकपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की भव्य महारैली निकाली गई. जिसमें पार्टी के साथ जुडे विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. यह रैली इर्विन चौक, रेल्वे स्टेशन चौक, राजकमल चौक व जयस्तंभ चौक होते हुए श्रीकृष्ण पेठ परिसर सहित नेमानी इन पहुंची. जहां पर इसका समापन हुआ. जिसके उपरांत नेमानी ईन में ही भाकपा के तीन दिवसीय अधिवेशन का शुभारंभ हुआ.

* हमारे लोकतंत्र को रामराज्य से खतरा
आयोजन के स्वागताध्यक्ष प्रा. साहेबराव विधले ने कहा कि, अगर वर्ष 2024 के संसदीय चुनाव में मोदी सरकार एक बार फिर सत्ता में वापिस लौटती है, तो हमसे मतदान का अधिकार भी छीन लिया जायेगा, क्योंकि मोदी और भाजपा देश में रामराज्य स्थापित करने का सपना देख रहे है और रामराज्य में कोई चुनाव नहीं होता, बल्कि केवल राजा का राज्य होता है.

* किसानों ने सरकार को दिखाई थी अपनी ताकत
इस समय अ. भा. किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुलकुमार अंजान ने कहा कि, कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब व हरियाणा सहित देश के कोने-कोने से आये किसानों ने अपनी ताकत दिखाते हुए खुद को शक्तिशाली समझनेवाले प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को झुकने पर मजबुर कर दिया था. जिसका सीधा मतलब है कि, मोदी अपराजेय नहीं है, बल्कि उन्हेें संगठीत होकर हराया और झुकाया जा सकता है. अत: सभी समतावादी व समानतावादी दलों ने संगठीत होकर मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने की तैयारी करनी चाहिए.

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