अन्यअमरावती

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा चिखलदरा का ग्रामीण अस्पताल

एकमात्र डॉ.रवि चव्हाण दे रहे है 24 घंटे सेवा

चिखलदरा/दि.25– कुपोषण तथा माता मृत्यु, बालमृत्यु से ग्रसित मेलघाट के चिखलदरा स्थित ग्रामीण अस्पताल में सरकार की ओर से सुविधाएं तो उपलब्ध करवाई गई है, लेकिन यहां पर डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को असुविधा हो रही है. अस्पताल में एकही डॉक्टर के भरोसे पूरा कामकाज चल रहा है. सुविधाएं रहने के बावजूद स्थानीय जनता तथा मरीज लाभ नहीं उठा पा रहे. रोजाना सैकडों मरीजों की ओपीडी तथा डॉक्टर एक ऐसी स्थिति है. 30 बेड वाले इस अस्पताल में 19 मरीज भर्ती है. जिनका पूरा जिम्मा एकमात्र डॉ. रवि चव्हाण पिछले कई सालों से उठा रहे है. तथा 24 घंटे सेवा दे रहे है.
इस अस्पताल में चिखलदरा सहित आसपास के गांव शहापुर, लव्हादा, आलाडोह, मोथा, मडकी, टेटू, आमझरी, खटकाली से मरीज अपना इलाज करवाने आते है. यहां वैद्यकिय अधीक्षक डॉ.जाकीर जो हप्ते में एक या दो दिन ही आते है, वहीं डॉ.चव्हाण के साथ दूसरे डॉक्टर कभी कभार आते है. उसी प्रकार यहां महिला डॉक्टर नहीं होने के कारण महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पडताा है. फिलहाल चल रहे वायरल फीवर के कारण मरीजों की संख्या बढ रही है. अस्पताल में सुविधाओं की कमी नहीं है, लेकिन एकही डॉ.चव्हाण ओपीडी, पोस्टमार्टम, सहित कई जिम्मेदारियां संभालने से वे मरीज को पूरी सुविधा नहीं दे पा रहे है. 24 घंटे पूरा जिम्मा उठाने वाले डॉ.चव्हाण की दिक्कतों को समझते हुए ग्रामीण अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या बढाई जाए तथा महिला डॉक्टर की नियुक्ति की जाए, यह मांग जनता कर रही है. कई बार 15 दिन के डेप्युटेशन पर शासन तथा वरिष्ठ अधिकारी यहां कई डॉक्टरों को भेजते है. किंतु यहां कोई नहीं रहना चाहता, यह दिक्कत है. जिसमें सुधार कर रास्ता निकालना वरिष्ठों की जिम्मेदारी है. इस विषय पर ध्यान देने की आवश्यकता है

Related Articles

Back to top button