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सीखों और सिखाओं तो सामने आओ, लेकिन पैसा नहीं मिलेगा!

निरक्षरों को नि:शुल्क सिखाना पडेगा

* इच्छूक आए सामने
अमरावती/दि. 9– केंद्र सरकार ने नवभारत साक्षरता अभियान शुरु किया है. इस अभियान के तहत निरक्षरों का सर्वेक्षण किया. इस अभियान के मुताबिक निरक्षर और उन्हें सिखाने के लिए स्वयंसेवकों को सामने आना पडेगा. इसके लिए दोनों का ऑनलाइन पंजीयन शुरु किया है. इसमें सिखने वाले और सिखाने वाले को किसी भी तरह का मानधन, वेतन नहीं दिया जाएगा, ऐसा शालेय शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है. इसके लिए मानधन न रहने के कारण जिले से किसी भी व्यक्ति ने निरक्षरों को पढाने के लिए पंजीयन नहीं किया है.
शासन व्दारा नवभारत साक्षरता अभियान के तहत 2026-27 तक शत प्रतिशत निरक्षरों को साक्षरता और संख्याज्ञान संपादन का नियोजन किया गया है. इस योजना के मुताबिक 15 साल से अधिक आयु के निरक्षरों को मूलभूत सुविधा यानी वाचन, लेखन और संख्याज्ञान विकसित करने का लक्ष्य है.

* निरक्षर खुद पंजीयन करें
– निरक्षरों को साक्षर होने के लिए खुद पंजीयन करना पडेगा. उन्हें किसी भी तरह की सख्ती नहीं की जाएगी.
– साक्षर होने के लिए पंजीयन करने के बाद किसी भी तरह का वेतन अथवा मानधन संबंधितों को नहीं मिलेगा.अब तक किसी ने भी निरक्षरों को साक्षर करने के लिए पंजीयन नहीं किया है.
– सिखाने के लिए इच्छूक स्वयंसेवक भी पंजीयन करे. निरक्षरों को सिखाने के लिए इच्छुक स्वयंसेवकों को खुद पंजीयन करना पडेगा.

* जिले में कितने निरक्षरों का पंजीयन?
जिले में मनपा और जिला परिषद के शिक्षकों ने निरक्षरोें की सर्वेक्षण के माध्यम से खोज की. इसके मुताबिक जिले में 18 हजार 207 में से 9 हजार निरीक्षक मिले है. इन सभी निरक्षरों को साक्षर किया जाने वाला है.

* निरक्षक पंजीयन का लक्ष्य कितना?
शहर समेत जिले में कुल 47 हजार 540 निरक्षर है. इसमें से इस वर्ष 18207 निरक्षरों के पंजीयन का लक्ष्य शालेय शिक्षा विभाग के सामने है. अधिक से अधिक लोगों को साक्षर करने के लिए पंजीयन किया जा रहा है. इसके लिए योजना विभाग के शिक्षण विभाग के जरिए नियंत्रण रखा है.

* इच्छूक स्वयंसेवक सामने आए
इच्छूक स्वयंसेवक सामने आए. साक्षरता अभियान के काम पर शिक्षकों ने बहिष्कार डाला है इस कारण निरक्षरों को साक्षरता का पाठ देने के लिए जो शिक्षित व्यक्ति समय दे सकता है उन्हें समीप की शाला के पास बगैर मानधन काम करने के लिए स्वयंसेवक के रुप में पंजीयन करना चाहिए.
– सैयद राजीक,
शिक्षणाधिकारी, योजना

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