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राष्ट्रीय की बजाय स्थानीय मुद्दों को तवज्जो दे रही कांग्रेस

प्रादेशिक नेताओं को प्रचार में किया आगे

* भाजपा सहित मित्र दलों पर साधा जा रहा निशाना
दिल्ली/दि.18–   महाराष्ट्र व झारखंड के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा बेहद तगदी रणनीति के तहत अपना प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. यद्यपि दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में असली लडाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच है. लेकिन कांग्रेस की रणनीति के चलते चुनाव प्रचार के दौरान प्रादेशिक चेयरों को आगे किया जा रहा है. साथ ही साथ दोनों राज्यों में भाजपा के प्रचार के फंदे में फंसे बिना कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय मुद्दों की बजाय प्रादेशिक व स्थानीय मुद्दों को पूरी तवज्जो दी जा रही है. जिसके तहत महाराष्ट्र में किसानों विशेषकर प्याज, कपास व सोयाबीन उत्पादकों की समस्या एवं दलित समाज से संबंधित मुद्दे उपस्थित कर महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुति सरकार यानि भाजपा, शिंदे गुट वाली शिवसेना व अजीत पवार गुट वाली राकांपा को घेरने का काम कांगे्रस द्वारा किया जा रहा है. वहीं झारखंडे में आदिवासियों के हितों व अधिकारों का मुद्दा उपस्थित कर भाजपा पर हल्लाबोल किया जा रहा है.

कांग्रेस द्वारा अपनाई गई इस रणनीति के चलते महाराष्ट्र में भाजपा की ओर से किये जाने वाले हमलों व आरोपों का जवाब देने हेतु महाविकास आघाडी में शामिल शिवसेना उबाठा व शरद पवार गुट वाली राकांपा के नेताओं को आगे किया गया है. वहीं झारखंड में इंडी अलायंस में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन व उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को भाजपा व पीएम मोदी पर निशाना साधने हेतु आगे किया गया है. इसी बीच कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी द्वारा भी महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक दौरे करते हुए अपनी प्रचार सभाओं के दौरान पीएम मोदी को उकसाने का काम किया जा रहा है. जिसके बाद भाजपा की ओर से आने वाले जवाबों का प्रव्युत्तर देने हेतु राहुल गांधी द्वारा खुद को पार्श्वभूमि में रखकर दोनों राज्यों के प्रादेशिक नेताओं को आगे किया जा रहा है.

विशेष उल्लेखनीय है कि, भाजपा द्वारा दोनों राज्यों के चुनाव को किसी न किसी तरह से राष्ट्रीय मुद्दों में अटकाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर महाराष्ट्र व झारखंड राज्यों के नेता भी जुटे हुए है. पर इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे राहुल गांधी द्वारा अपनी नियोजनबद्ध रणनीति के तहत प्रादेशिक नेताओं को आगे करने के साथ-साथ दोनों राज्यों से संबंधित स्थानीय मुद्दों पर पूरा जोर दिया जा रहा है. इसके तहत महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे व शरद पवार द्वारा पीएम मोदी व भाजपा पर लगातार हल्लाबोल किया जा रहा है. इन दोनों नेताओं के राजनीतिक दलों को फोडकर महाराष्ट्र में जिस तरह से महायुति की सरकार बनाई गई और ठीक उसी समय झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जिस तरह से केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा पडताल शुरु करते हुए उन्हें जेल में रखा गया. उसे लेकर जनता में रहने वाली नाराजगी को हवा दी जा रही है.

इसके साथ ही दोनों राज्यों में अपनी प्रचार सभाओं के दौरान सांसद राहुल गांधी द्वारा अपने हाथों में संविधान की पुस्तक लेकर भाजपा के खिलाफ हल्लाबोल किया जा रहा है और सत्ता में आने के बाद तेलंगना की तर्ज पर जातिगत जनगणना करने का आश्वासन भी दिया जा रहा है. दलितों, आदिवासियों व किसानों सहित स्थानीय लोगों के मुद्दों को उठाते हुए कांग्रेस द्वारा भाजपा को राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव ले जाने से काफी हद तक रोका गया है.

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