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गांव बसा नहीं, मंगते आ गये

जिले में कोविड से मौतें 1568, मदद के लिए आवेदन 2620

* सर्वाधिक 2522 आवेदन मनपा क्षेत्र से

* मनपा क्षेत्र में हुई थी केवल 567 मौतें

अमरावती/दि.11- हाल ही में राज्य सरकार द्वारा घोषणा की गई कि, कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान संक्रमण की वजह से मारे गये मरीजों के परिजनों को 50 हजार रूपये का सानुग्रह अनुदान देते हुए आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी. जिसके लिए सरकार की ओर से एक वेबसाईट तैयार कर इस पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन मंगाने शुरू किये गये. जिसके बाद इस पोर्टल पर सहायता राशि हासिल करने के लिए प्राप्त होनेवाले आवेदनों की मानों बाढ आ गई.
बता दें कि, विगत डेढ वर्ष के दौरान कोविड संक्रमण के चलते अमरावती जिले में 1 हजार 600 मौतें हुई है. जिसमें 32 मौतें बाहरी जिलों से इलाज हेतु अमरावती लाये गये कोविड संक्रमित मरीजों की हुई थी. वहीं अमरावती मनपा क्षेत्र में 567 कोविड संक्रमितों की मौत हुई थी. इसके अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले 1 हजार 1 संक्रमित मरीजों ने भी इस दौरान दम तोडा था. ऐसे में अमरावती मनपा क्षेत्र से 567 व जिले के तहसील व ग्रामीण क्षेत्रों से 1 हजार 1 आवेदन सरकारी अनुदान राशि हेतु मिलना अपेक्षित है. किंतु जैसे सरकार की ओर से सानुग्रह अनुदान राशि देने की घोषणा की गई, वैसे ही अमरावती जिले में अब तक 2 हजार 620 आवेदन इस पोर्टल पर दर्ज हो गये. सर्वाधिक हैरत की बात यह है कि, जहां मनपा क्षेत्र में केवल 567 मौतें हुई थी, वहीं मनपा क्षेत्र से 2 हजार 522 आवेदन सानुग्रह सहायता राशि प्राप्त करने हेतु किये गये है. साथ ही इस समय तक जिले के ग्रामीण इलाकों से केवल 98 आवेदन ही इस पोर्टल पर आये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, ‘आपदा में अवसर’ खोजने की प्रवृत्ति यहां पर भी काम कर रही है और गांव बसने से पहले ही मंगतों की कतार लगनी शुरू हो गई है. ऐसे में प्रशासन को इस बात को लेकर काफी माथापच्ची करनी पड रही है कि, इसमें से कौनसे आवेदन वाकई पात्र व सही है तथा फर्जी व बोगस आवेदन कौन से है, जिसे लेकर मनपा एवं जिला स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा तमाम आवेदनों की जांच-पडताल करते हुए आवेदन के साथ जोडे गये दस्तावेजों को जांचा जा रहा है.

* कुछ हद तक गलतफहमी भी जिम्मेदार

इस संदर्भ में स्वास्थ्य महकमे से जुडे एक अधिकारी के मुताबिक कई लोगबाग इस गलतफहमी का शिकार हो गये है कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान कोविड सहित अन्य बीमारियों की वजह से जितनी भी मौतें हुई, उन सभी मामलों को लेकर संबंधित परिवारों को सरकार की ओर से 50-50 हजार रूपये की सहायता मिलेगी. ऐसे में कोविड मृतकों के परिजनों के अलावा अन्य कई परिवारों द्वारा भी शायद इस अनुदान राशि के लिए आवेदन किया गया है. वहीं कुछ कोविड मृतकों के एक से अधिक परिजनों द्वारा आवेदन किये गये है, जिसके चलते प्राप्त होनेवाले आवेदनों की संख्या अधिक दिखाई दे रही है. किंतु दस्तावेजों की जांच-पडताल और प्रत्येक मामले की पुष्टि करने के बाद केवल कोविड मृतकों के परिवारों को ही सरकारी सानुग्रह अनुदान की राशि प्राप्त होगी.
बॉक्स, फोटो विशाल काले
फिलहाल मृतक संख्या से अधिक जो आवेदन प्राप्त हुए है, उन्हें एकदम से बोगस या फर्जी नहीं कहा जा सकता. कई मृतकों के परिवारों में एक से अधिक सदस्यों द्वारा आवेदन पेश किये गये है. साथ ही इस दौरान सारी व ईली से मृत हुए कई मरीजों के परिजनों द्वारा भी इस पोर्टल पर आवेदन डाले गये है. इसके अलावा कई लोग तो ऐसे भी है जिन्होंने केवल इस प्रक्रिया को जानने व समझने के लिए आधे-अधूरे आवेदन अपलोड कर दिये है. ऐसे सभी आवेदन जांच-पडताल की प्रक्रिया में अपने आप ही खारिज हो जायेंगे और केवल कोविड मृतकों के परिजनों को ही सानुग्रह अनुदान राशि की सरकारी सहायता मिलेगी.
– डॉ. विशाल काले

स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी, अमरावती मनपा

इस समय यद्यपि समूचे जिले में कोविड संक्रमण के चलते जितनी मौतें हुई थी, उससे कई अधिक आवेदन सरकारी सहायता मिलने हेतु प्राप्त हुए है. किंतु फिलहाल स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा सभी आवेदनों के साथ मिले दस्तावेजों की आवश्यक जांच-पडताल की जा रही है और प्रत्येक मामले की पुष्टि करने पर खास तौर से ध्यान दिया जा रहा है. इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही पात्र लाभार्थी परिवारों के नामों की सूची तैयार की जायेगी. जिसके बाद उन्हें सरकारी सानुग्रह अनुदान की राशि प्रदान की जायेगी.

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