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वंचितो को मतदान न करें

फिर से आंबेडकर के खिलाफ गांधीवाद

* महात्मा गांधी के प्रपौत्र की प्रकाश आंबेडकर पर टिप्पणी
मुंबई/दि.13– वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर की महाविकास आघाडी से सीटो के बंटवारे की चर्चा विफल होने के बाद उन्होंने स्वतंत्र चुनाव लडने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने महाविकास आघाडी के विरोध में उम्मीदवार भी खडे किए. उनके इस निर्णय पर महाविकास आघाडी की तरफ से सतर्क भूमिका ली गई. लेकिन महात्मा गांधी प्रपौत्र तुषार गांधी ने वंचित बहुजन आघाडी के इस निर्णय पर कडी टिप्पणी की है. इस कारण इतिहास के विख्यात आंबेडकर के विरोध में गांधी, इस विवाद की फिर से महाराष्ट्र में याद ताजा हो गई है.

* क्या कहा तुषार गांधी ने?
तुषार गांधी ने कहा कि, भाजपा के गठबंधन को गद्दारो की युती कहनी चाहिए. इन गद्दारो की युती का पराजय करने के लिए महाविकास आघाडी की जीत होनी चाहिए. इसके लिए एमआयएम और वंचित बहुजन आघाडी को मतदान न करने का आवाहन तुषार गांधी ने किया. इस बाबत अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि, हमारी कितनी भी अच्छी दोस्ती रही तो भी जो गलती है उसे गलती कहने का अब समय आ गया है. इसके पूर्व जो गलती हुई, वही फिर से हो सकती है. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने दिए संविधान को संभालना हो तो यह अंतिम अवसर है.

* वंचित का तुषार गांधी पर पलटवार
तुषार गांधी की टिप्पणी के बाद वंचित बहुजन आघाडी के मुख्य प्रवक्ता श्रीकांत मोकले ने अपनी भूमिका रखते हुए कहा कि, प्रस्थापित दल और उस दल की राजनीति को सहायता करनेवाले सहयोगी घटक शोषित और वंचितो की राजनीति कर खडी न होने के लिए लगातार प्रयास करते आए है. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का भी इसी तरिके से विरोध हुआ था. उन्हें भी अंग्रेजो का नजदिकी दिखाने का प्रयास हुआ था. वही अब प्रकाश आंबेडकर बाबत इस्तेमाल किया जा रहा है. जिन शोषित, वंचितो को राजनीति में नहीं आने दिया जाता, जिन लोगों तक लोकतंत्र नहीं पहुंचने दी जाती उन घटको को प्रकाश आंबेडकर मुख्य प्रवाह में लाने के इच्छुक है. यह बात यहां के प्रस्थापितो को सहन नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि, जिस कांग्रेस की तरफ से तुषार गांधी हमेशा बोलते रहते है, उस कांग्रेस के प्रवक्ता शिंदे गुट में चले गए, इस बाबत तुषार गांधी का क्या कहना है? पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भाजपा में जाते है और एकनाथ खडसे चुनाव के मुंहाने पर एनसीपी छोडकर फिर भाजपा में जाते है, इस पर तुषार गांधी का क्या कहना है, ऐसे सवाल भी सिद्धार्थ मोकले ने किए है.

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