अमरावती/दि.1- कक्षा 1 से 8वीं तक विद्यार्थियों को दिए जाने वाले पोषण आहार की आपूर्ति करार समाप्त होने से विद्यार्थियों को पोषण आहार में दी जाने वाली खिचडी बंद होने की कगार पर है. जिले में 2 हजार 388 शालाओं को गत 1 फरवरी से अब तक आहार के लिए चावल की आपूर्ति नहीं हुई है. वैसी जानकारी रिपोर्ट में शालाओं ने जिला परिषद को भेजी है. परिणामस्वरुप अभी तक शिक्षण संचाल स्तर से जिले के लिए चावल की आपूर्ति नहीं हुई है. इस कारण जिला परिषद की 1573, नगर परिषद, मनपा की 161 और निजी अनुदानित 649 ऐसे कुल 2388 शालाओं के सामने 2 लाख 46 हजार 456 विद्याथियों के खिचडी का प्रश्न निर्माण हुआ है.
राज्य सरकार की शालेय पोषण आहार योजना अंतर्गत 1 से 8वीं तक जिला परिषद, नगर परिषद महानगरपालिका और निजी अनुदानित शालाओें में पोषण आहार का वितरित किया जाता है. इन शालाओं में कक्षा 1 से 5वीं की पटसंख्या 1 लाख 43 हजार 233 तथा कक्षा 6वीं से 8वीं की पटसंख्या 1 लाख 3 हजार 233 ऐसे कुल 2 लाख 46 हजार 456 विद्यार्थियों को पोषण आहार वितरण का नियोजन शिक्षा विभाग की तरफ से हर माह किया जाता है.प्राथमिक शिक्षण संचालक कार्यालय की तरफ से वितरण मंजूर होकर प्रति माह चावल दो सप्ताह पूर्व जिले के शासकीय गोदाम में आता है. जिले में प्रति माह दोनों मिलाकर चावल की 9497 मेट्रिक टन 443 क्विंटल मांग है. दिंसबर-जनवरी माह का चावल जिले को प्राप्त हुआ था. पश्चात अब फरवरी माह समाप्त होने के बावजूद इस माह का चावल नहीं आया है. इस बाबत जिला परिषद के शिक्षा विभाग व्दारा शिक्षण संचालक कार्यालय के पास पत्र व्यवहार किया गया है. लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई है. शालाओं व्दारा उनके पास शेष रहा चावल किसी तरह पूरा माह चलाया गया. लेकिन अब अनेक शालाओं का चावल पूरी तरह समाप्त हो गया है.
* ठेकेदार को लेकर निर्माण हुई समस्या
संचालक कार्यालय की तरफ से प्रत्येक जिलास्तर पर चावल भेजा जाता है और जिलास्तर से प्रत्येक शालाओं में चावल पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की रहती है. प्रत्येक जिले के लिए ठेकेदार शासन की तरफ से नियुक्त किए जा रहे थे. लेकिन अब नई नीति के मुताबिक संपूर्ण राज्य के लिए एक ही ठेकेदार को ठेका देने की गतिविधियां शुरु है. यह प्रक्रिया अभी पूर्ण न होने से आहार के चावल की आपूर्ति ठप पडने की जानकारी सूत्रों ने दी है.