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‘टारगेट’ पूर्ण करने दिए जा रहे फर्जी चालान

बेवजह होना पड रहा नागरिकों को परेशान

* श्रीराम हॉस्पिटल के डॉ. एन.टी. चांडक का आरोप
अमरावती/दि. 8– मार्च महीना आया कि ‘टारगेट’ पूर्ण करने के लिए नागरिकों को परेशान किया जाता है. अमरावती शहर यातायात पुलिस के कार्य इन दिनों ऐसे ही होते दिखाई देते है. श्रीराम हॉस्पिटल के डॉ. एन.टी. चांडक को चार ऐसे ही चालान 2 साल में कोई गाडी न चलाने के बावजूद 2700 रुपए के दिए गए हैं. उन्होंने लोक अदालत से लेकर ट्रैफिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की, लेकिन अधिकारियों ने भी अपने हाथ झटक दिए.

डॉ. एन.टी. चांडक ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि उन्होंने पिछले 2 साल से कोई भी वाहन नहीं चलाया है. इसके बावजूद शहर ट्रैफिक शाखा से 2700 रुपए के 4 चालान उन्हें दिए गए हैं. यह चालान गलत रहने के कारण वे लोक अदालत में भी गए और शहर यातायात शाखा के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिले. सभी ने उन्हें यही बताया कि वे कुछ नहीं कर सकते. उनका कहना था कि यदि ऐसा है तो लोक अदालत में केस क्यूं रखी गई? उन्हें जो चालान दिए गए है उसमें वाहन चालक व संचालक के रुप में उन्हें बताया गया है. कानून ऐसा कहता है कि 100 अपराधी छूटे तो चलेगा, लेकिन कोई निष्पाप व्यक्ति को सजा नहीं होनी चाहिए. लेकिन अमरावती की परिस्थिति विपरित दिखाई देती है. ट्रिपल सीट चलाने वालों का कुछ नहीं होता. स्टंटबाजी करने वाले और बिना लाइसेंस वाहन चलानेवालों का भी कुछ नहीं होता. लेकिन जिनके वाहन की पीयूसी हुई है, लाइसेंस धारक चालक है, गाडी का इंशुरेंस भी भरा हुआ है, इसके बावजूद संबंधित वाहन संचालक पर जुर्माना क्यों ठोंकना? जुर्माना लगाना ही है तो, वाहन चालक से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करनी चाहिए. डॉ. एन.टी. चांडक ने अंत में पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी से अनुरोध किया है कि ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगाकर बेवजह निर्दोष नागरिकों को फर्जी चालान देकर वसूल किए जा रहे जुर्माने का गोरखधंधा बंद किया जाए.

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