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फेसबुक पर ‘अमरावती कलेक्टर’ की फर्जी प्रोफाइल

ऑफिशियल पेज को हूबहू किया गया है कॉपी

अमरावती /दि.19- अमरावती के जिलाधीश कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया साईट्स फेसबुक पर बनाये गये ऑफिशियल पेज ‘अमरावती कलेक्टर’ की हूबहू कॉपी करते हुए किसी शरारती तत्व द्वारा फेसबुक पर ‘अमरावती कलेक्टर’ नाम से प्रोफाइल अकाउंट खोला गया है. जिसमें अमरावती के कलेक्टर का पता न्यू साउथ वेल्स (ऑस्ट्रेलिया) बताया गया है. परंतु आम लोगबाग इतनी बारीकी से किसी प्रोफाइल को नहीं देखते. यही वजह है कि, इस फर्जी प्रोफाइल पर 379 लोग फे्ंरड लिस्ट में शामिल है. जिनमें अमरावती के जिला सूचना अधिकारी कार्यालय की अधिकारिक प्रोफाइल का भी समावेश है.
बता दें कि, अमरावती के जिलाधीश कार्यालय द्वारा फेसबुक पर ‘अमरावती कलेक्टर’ के नाम से बनाये गये ऑफिशियल पेज पर 14 हजार फॉलोअर्स है तथा इस पेज को अमरावती आरडीसी कार्यालय द्वारा चलाया जाता है. साथ ही यह पेज ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया साईट्स के साथ भी लिंक्ड है. इस ऑफिशियल पेज के प्रोफाइल पिक में मौजूदा जिलाधीश सौरभ कटियार का फोटो लगा हुआ है. साथ ही कवर फोटो वाले स्थान पर जिलाधीश कार्यालय का बैनर प्रदर्शित है. इसके अलावा पेज इन्फो में जिलाधीश कार्यालय के पते व हेल्पलाइन क्रमांक के साथ ही जिलाधीश कार्यालय के कार्यक्षेत्र से संबंधित तमाम जानकारियां दी गई है. इसमें से प्रोफाइल पिक व कवर फोटो सहित कुछ जानकारी को हूबहू कॉपी करते हुए फेसबुक पर ‘अमरावती कलेक्टर’ नाम से एक प्रोफाइल बनाई गई है. जिसे असल मानकर कई लोग उस प्रोफाइल की मित्रता सूची में शामिल भी हो गये. जबकि उनमें से शायद ही किसी ने इस बात की ओर ध्यान दिया होगा कि, उस प्रोफाइल में अमरावती के जिलाधीश का पता ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स का दर्शाया गया है. इससे ही उक्त प्रोफाइल फर्जी रहने की बात समझमें आ जाती है.

* फर्जी प्रोफाइल के जरिए होती है आर्थिक जालसाजी
उल्लेखनीय है कि, अक्सर ही साइबर अपराधियों द्वारा नामांकित लोगों के नाम पर उनकी असल प्रोफाइल अथवा पेज की तरह हूबहू दिखाई देने वाली फर्जी प्रोफाइल तैयार करते हुए उनके परिचित लोगों को मित्रता अनुरोध भेजने के साथ ही पैसे मांगने को लेकर मैसेज भी भेजे जाते है. कई बार सोशल मीडिया पर चलने वाले इस गडबड झाले से अनजान रहने वाले लोग ऐसे झांसे में फंस जाते है और फिर फर्जी प्रोफाइल धारक को असल व्यक्ति समझकर पैसे भी भेज देते है. जिसके बाद उन्हें अपने साथ हुई आर्थिक जालसाजी का एहसास होता है.

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