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सोयाबीन की दरें नहीं बढने से किसानों में निराशा

बाजार समिति में अनाज की आवक बढी

* चने को मिले अच्छे दाम
अमरावती/दि.3– मार्च एंडिंग और सरकारी अवकाश के कारण पांच दिनों तक बाजार समिति में अनाज की खरीदी-बिक्री का व्यवहार धीमी गति से हुआ. इस दौरान किसानों ने भी ज्यादा आवक नहीं लाने से खरीदी-बिक्री के व्यवहार हुए नहीं. मंगलवार 2 अप्रैल से बाजार समिति पुन: सुचारू रुप से शुरु हुई. किसानों ने आढतियों से संपर्क करते हुए कृषि उपज को बिक्री के लिए समिति में लाया. सुबह सभी अनाज की नीलामी रखी गई. मंगलवार 2 अप्रैल को 11 हजार 911 बोरे की आवक हुई. खरीफ की तुवर सहित सोयाबीन व रबी के चना को गारंटी मूल्य की तुलना में बढते दाम मिले.

मार्च एंडिंग का फिवर जाने के बाद मंगलवार से शुरु हुई बाजार समिति में अनाज की अच्छी आवक दर्ज की गई. सोयाबीन का बाजार खुलने के बाद गारंटी दर से औसतन 150 रुपए कम यानी 4450 रुपए मूल्य मिला. तथा चना को 5400 और तुवर को 10 हजार 800 रुपए दर मिला. गारंटी मूल्य से कम दर से किसानों ने सोयाबीन की बिक्री की है. मंगलवार को हुई नीलामी के बाद भी औसतन 4450 रुपए दाम मिलें. 3407 बोरे की आवक दर्ज की गई. गारंटी मूल्य से करीब डेढसौ रुपए कम दर से सोयाबीन बेचना पडा. आगामी खरीफ सीजन में इस फसल की बुआई कम होने की संभावना है. उल्लेखनिय है कि, तुवर के दाम में तेजी दिखाई दी. 10 हजार से अधिक दाम कायम रखे. मंगलवार को 2667 बोरे की आवक हुई. लाल तुवर को 10 हजार 100 से 10803 रुपए दाम मिले. केंद्र ने तुवर को 7 हजार गारंटी मूल्य घोषित किया है. इन दिनों तुवर को अच्छे दिन है.

* खुले बाजार को प्राधान्य
रबी सीजन का अधिकांश 70 प्रतिशत चने की बाजार में बिक्री हुई है. 30 प्रतिशत चना अभी आना बाकी है. मंगलवार को यहां के बाजार समिति में चना को 5450 रुपए मूल्य मिला. गारंटीमूल्य से केवल 115 रुपए अधिक दाम मिले. कुल मिलाकर बाजार में तुवर को छोडकर सोयाबीन और चना को किसानों के उम्मीद के अनुरूप दाम नहीं मिले. संपूर्ण सीजन में कृषि उपज को अच्छे दाम नहीं मिलने से किसानों ने सरकारी खरीदी के बजाय खुले बाजार को प्राधान्य देकर बिक्री की है.

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