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शासकीय कपास खरीदी को लगा बे्रक

व्यापारियों द्बारा दिए जा रहे है कौडियों के दाम

* किसान संतप्त

मोर्शी/दि.23 –  जिले की प्रत्येक तहसील में कपास की खरीदी सीसीआई के माध्यम से की जायेगी, ऐसी घोषणा की गई थी. किंतु जिले में 7 दिनों पूर्व केवल 7 केन्द्र ही शुरू किए गये. 15 दिन पहले केवल एक केन्द्र धामणगांव रेलवे में शुरू किया गया है. जिसकी वजह से व्यापारियों द्बारा किसानों को कपास के कौडियों के दाम दिए जा रहे हैं. जिससे किसानों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. क्या शासन इस ओर ध्यान देगा ?, ऐसा संतप्त सवाल किसान कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि इस साल अपेक्षा से अधिक बारिश होने से किसानों की कपास की फसल का नुकसान हुआ था और उत्पादन भी कम हुआ था. गुलाबी बोंड इल्ली का प्रादुर्भाव भी कपास की फसल पर है. सतत बारिश के चलते कपास के बोंडे सड गये. लाल्यारोग से भी कपास की फसल को नुकसान हुआ. इतना ही नहीं किसानों को कपास चुनने के लिए मजदूर भी नही मिल रहे. मजदूरों द्बारा 10 रूपए प्रति किलो के दाम कपास चुनने के लिए मांगे जा रहे हैं. व्यापारियों द्बारा 7 हजार प्रति क्विंटल के दाम देने पर किसानों का बुआई खर्च भी निकल पायेगा या नहीं, ऐसी शंका किसानों द्बारा व्यक्त की जा रही है.

भारतीय कपास महामंडल द्बारा 5 नवंबर को धामणगांव रेलवे में कपास खरीदी केन्द्र शुरू किया गया. इस केन्द्र पर अब तक 500 क्विंटल कपास की खरीदी की गई. अन्य तहसीलों में अब तक भी कपास खरीदी केन्द्र शुरू नहीं किए गये. 8 दिन पहले दर्यापुर, येवदा, भातकुली, वरूड, नांदगांव पेठ, अंजनगांव सुर्जी यहां सीसीआय द्बारा खरीदी केन्द्र शुरू किए गये. चांदुर बाजार में खरीदी केन्द्र प्रस्तावित किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है.

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