प्रतिनिधि/दि.२१ चांदूर बाजार – पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर व जिलाधिकारी शैलेश नवाल द्बारा सख्ती किये जाने के बावजूद अधिकारी व कर्मचारी मुख्यालय में रखने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. नागरिकों का आरोप है कि तहसील में तो विविध सरकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मेहमान बन कर आते हैं और शाम होने से पहले ही लौट जाते हैं. गांव में अधिकारी न रहने से जहां समस्याएं हल नहीं हो रही वहां तहसील में तेजी से कोरोना संक्रमण के लिए भी इन अधिकारियों कर्मचारियों का अपडाउन कारण बन रहा है. जिससे नागरिकों में चिंता है.
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नियमों को दिखा रहे धता
गांव में कोरोना का प्रभाव रोकने के लिए नागरिक में जनजागृति करने आपातकाल के समय लोगों को तुरंत सेवा मिले, इसके लिए ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, ग्राम सेवक, कृषि सहायक को पालक अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया है. गांव की पूरी जानकारी इन अधिकारियों के पास रहती है. इन अधिकारियों का गांव में रहना अनिवार्य है, ताकि समस्या आने पर समय पर नागरिकों को मदत मिल सके, लेकिन इस गंभीर परिस्थिति में भी अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहते. जबकि जिलाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग व तहसील प्रशासन कोरोना को रोकने दिन रात प्रयत्न कर रहे हैं. ग्रामीण व तहसील क्षेत्र में नियुक्त अधिकारी कर्मचारी इन प्रयासों में योगदान नहीं दे रहे.
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५-६ घंटे बिताते गांव में
शासन स्तर पर कोरोना जैसी राष्ट्रीय आपदा से निपटने के लिए तरह तरह की उपाय योजनाएं की जा रही है. ग्रामीण स्तर पर अमलीकरण की जिम्मेदारी वहां के अधिकारियों कर्मचारियों की है. लेकिन इसके बाद भी रोजाना अपडाउन करने वाले अधिकारी मुश्किल से ५-६ घंटे गांव में बिताते है. जिससे कई गांव में लोग मास्क के बगैर व अनावश्यक काम से बाहर घूम रहे है, लेकिन उन पर नियंत्रण रखने वाला कोई नहीं है. अधिकारी उन पर सख्त कार्रवाई करें यह मांग की जा रही है.