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कलियुगी मां के लिए हाईकोर्ट ने भी कायम रखी उम्र कैद की सजा

नवजात बच्चे की हत्या कर कुएं में फेंक दिया था

नागपुर प्रतिनिधि/दि.29 – अपने अनैतिक संबंधों के चलते जन्में नवजात बच्चे की हत्या कर उसके शव को कुएं में फेंक देनेवाली निर्दयी मां की उम्र कैद सहित अन्य सजा को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा कायम रखा गया है.
जानकारी के मुताबिक बुलडाणा जिले की खामगांव तहसील अंतर्गत कोकटा गांव निवासी सविता शालीग्राम भारंबे (47) के पति का 23 अगस्त 1998 को निधन हो गया था. पश्चात उसके अपने पडोस में ही रहनेवाले एक व्यक्ति के साथ संबंध स्थापित हुए, और वह उस व्यक्ति से गर्भवति हो गयी. जनवरी 2001 में इस महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन समाज में होनेवाली अपनी बदनामी से डरकर उसने अपने नवजात बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को कुएं में फेंक दिया. पश्चात इस मामले में 7 जून 2006 को बुलडाणा के जिला व सत्र न्यायालय ने उम्रकैद व 1 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी. साथ ही दंड न भरने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी. पश्चात इस फैसले के खिलाफ सविता भारंबे ने नागपुर उच्च न्यायालय में अपील दायर की. जिस पर सुनवाई करते हुए न्या. झेड. ए. हक व न्या. अमीत बोरकर की खंडपीठ में बुलडाणा जिला अदालत के फैसले को यथावत कायम रखते हुए इस महिला को सुनायी गयी उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा.

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