* व्यास राष्ट्रीय स्वयं सेवक संध के अमरावती महानगर विभाग का आयोजन
अमरावती/दि.30– व्यास राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अमरावती महानगर विभाग की ओर से रविवार को विजयादशमी उत्सव व शस्त्रपूजन समारोह का आयोजन किया गया था. इस समारोह में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के घुमंतू कार्य विभाग के अखिल भारतीय प्रमुख दुर्गादास व्यास ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि, अगर हिंदू समाज शक्तिशाली होगा, तभी हिंदुस्तान शक्तिशाली होगा. हिंदू कोई जातिवाचक शब्द नहीं, बल्कि हिंदू राष्ट्रीयता का प्रतीक है. इसलिए हिंदू को जाति कहना गलत है. हिंदू यानि राष्ट्र है, इसलिए समाज को संगठित करने का सीधा आशय है, पूरे देश को संगठित करना. दुर्गादास व्यास ने आगे कहा कि, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना जिस उद्देश्य को लेकर की गई थी, उस उद्देश्य को पूरा करने का काम देश भर में अभी भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के माध्यम से किया जा रहा है. डॉ.केशवराव बलिराम हेडगेवार ने 27 अक्टूबर 1925 को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की थी, तब से लेकर अब संघ ने हिंदू समाज को संगठित करने का काम किया है.
* 1925 में लिया था जागरूकता का संकल्प
दुर्गादास व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा कि, वर्ष 1925 में स्थापना के समय हिंदुत्व जागरूकता का संकल्प लिया था, वह आवज 98 वर्ष बीत जाने के आद भी संघ में कायम है. 2025 में संघ का शताब्दी वर्ष है. इस शताब्दी वर्ष में संघ की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ जाएगी. 100 वर्ष की यात्रा में संघ हिंदुत्व की एकता में कितना कामयाब हुआ है, यह बताने का समय अब आ गया है. व्यास ने कहा कि, जब संघ की स्थापना हुई थी, तब न तो संघ की कोई शाखा लगती थी, न ही उस वक्त कोई गणवेश था, सिर्फ हिंदुत्व की रक्षा ही संघ का काम तथा पहचान था.
* संघ के कार्यों की यात्रा लगातार जारी
1925 से शुरु हुई संघ के कार्यों की यात्रा लगातार जारी है. इन 98 वर्षों के लंबे सफर में जो भी परेशानियां और समस्याएं सामने आई, उनका सामना कर संघ अपना काम करता रहा है. उन्होंने कहा वर्तमान में देश में पचास हजार से ज्यादा शाखाएं हैं, जबकि 1 लाख से ज्यादा गांवों में संघ की जड़ें बहुत मजबूत हैं. व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज यहां स्वयंसेवकों की ओर से जो पथ संचालन किया गया तथा संघ की शाखा में क्या-क्या सिखाया जाता है, उसे देखकर मेरे मानस पटल पर एक अनुशासित तथा संगठित भारत की छवि उभरकर सामने आती है.
* सभी को एकजुट होकर काम करना होगा
व्यास ने कहा एक वह दौर था, जब लोगों को स्वयं को हिंदू कहने पर लज्जा महसूस होती थी, लेकिन अब लोग गर्व से कहो हम हिंदू हैं, कहने में नहीं हिचकते. संघ के इस प्रहरी ने कहा कि हमने हिंदुत्व का गौरव स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में भेदभाव का कहीं भी लेशमात्र भी समावेश नहीं है. उन्होंने इस दौरान कहा कि अगर भारत को विश्वगुरू बनाना है तो सभी को एकजुट होकर काम करना होगा. प्रगति के लिए ज्यादा से ज्यादा काम तथा समाज का एकत्रित होना बहुत जरूरी है.
* संस्कार व संस्कृति पर टिका है समाज
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अनूप शिरभाते ने कहा कि संस्कार तथा संस्कृति पर ही हिंदू समाज टिका हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत के मुकाबले जापान बहुत छोटा देश है, लेकिन प्रगति के मामले में जापान भारत से बहुत आगे हैं. उन्होंने कहा कि भारत के विश्वगुरू बनने का सपना तभी साकार होगा, जब हम जापान के लोगों द्वारा अपनाई जाने वाली बातों पर बड़े ध्यान से अमल करेंगे. जापान के लोग समय की बर्बादी जरा भी नहीं करते. वहां के लोग स्वयं से ज्यादा देश के बारे में सोचते हैं. इतना ही नहीं वहां के लोग किसी भी काम को बेहतर तरीके से कैसे किया जाए, इस बारे में लगातार सोचते रहते हैं, इसलिए अगर भारत को जापान से आगे निकलना है तो भारत के प्रत्येक नागरिक को सबसे पहले अपने देश की चिंता करनी होगी.
* भारत के सुखद भविष्य की नींव की जा रही मजबूत
कार्यक्रम में महानगर संघचालक उल्हास बपोरीकर ने भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने संघ की ओर से की जाने वाली शस्त्रपूजा तथा विजयादशमी उत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी. संघ के 98 वर्षों की परंपरा के बारे में जानकारी देते हुए संघ के स्वयंसेवकों के अनुशासन के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि संघ की ओर से एक अनुशासित भारत के निर्माण का कार्य तो चल ही रहा है, साथ ही भारत के सुखद भविष्य की नींव भी मजबूत की जा रही है. श्रीमति नरसम्मा कालेज मैदान में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में स्वयं सेवक द्वारा संघ की शाखाओं में की जाने वाली गतिविधियों को भी दिखाया गया. पद संचलन, योगासन जैसी क्रियाओं को भी स्वयंसेवकों की ओर से दिखाया गया.
* विविध मार्ग पर पथ संचलन
शस्त्रपूजन कार्यक्रम से पूर्व रविवार की शाम 5.15 बजे पथसंचालन स्वयंसेवकों की ओर से किया गया. यह पथसंचलन नरसम्मा महाविद्यालय के मैदान से शुरु होकर सिंधु नगर, सुभाष कॉलनी के विठ्ठल-रूख्मिणी नगर, कंवर नगर चौक, सबनीस प्लाट, कल्याण नगर, मोती नगर होते हुए स्वयंसेवकों का विशाल समूह कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा, जहां पहुंचने के बाद विजयादशमी का उत्सव मनाया गया. जिसके तहत शस्त्रपूजन का कार्यक्रम लिया गया.