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महाराष्ट्र में अपराधों में हुई वृध्दि

आईपीसी अपराध 1.86 व स्थानीय अपराध 5.41 प्रतिशत बढी

* हर 1 मिनट में 1 केस दर्ज

मुंबई/दि.16– प्रगत और प्रगतिशील कहे जाने वाले महाराष्ट्र में अपराधों का ग्राफ भी काफी बढ रहा है. जिसके चलते महाराष्ट्र में अपराध की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में आईपीसी की धारा अंतर्गत दर्ज हुए अपराध में 1.86 प्रतिशत तो विशेष व स्थानीय अपराध में 5.41 प्रतिशत की वृध्दि होने की बात सामने आयी है. राज्य में लगभग 5.57 लाख दखलपात्र अपराध दर्ज किए गए है. वह 2021 की तुलना में 3 प्रतिशत ज्यादा है. दखलपात्र अपराधों की संख्या को ध्यान देने पर राज्य में हर 1 मिनट में 1 दखलपात्र अपराध दर्ज किया जा रहा है. आकडो पर राज्य में अपराध में वृध्दि होती दिखाई दे रही है. जिसके कारण लगातार बढ रहे अपराध राज्य की कानून व सुव्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह निर्माण करने वाले ठहर रहे हैं.

देश स्तर पर राष्ट्रीय अपराध अभिलेख केंद्र, नई दिल्ली के पास क्राईम इन इंडिया यह वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित किया जाता है. इसके आधार पर महाराष्ट्र राज्य के अपराध की प्रवृत्ति अध्ययन के लिए महाराष्ट्र के अपराध यह वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित किया जाता है. महाराष्ट्र के अपराध इस रिपोर्ट के अनुसार सन 2022 में आईपीसी (भारतीय दंड विधान संहिता) धारा अंतर्गत लगभग 3 लाख 74 हजार 38 व विशेष तथा स्थानीय कानून के अनुसार 1.82 लाख अपराध राज्य में दर्ज किए गए है. इसका अर्थ राज्य में आईपीसी अंतर्गत हर 3 मिनट में लगातार 2 अपराध व विशेष तथा स्थानीय कानून के अनुसार 3 मिनट में लगातार एक अपराध दाखिल हो रहे हैं. एक लाख जनसंख्या के पीछे भारतीय दंड विधान अंतर्गत राज्य में अपराध का यह प्रमाण 297.48 है. जो सबसे ज्यादा यवतमाल क्षेत्र में 836.56 प्रति एक लाख जनसंख्या में है. राज्य में आईपीसी धारा अंतर्गत दज4 होने वाले कुल अपराध में से 39.15 प्रतिशत अपराध यह राज्य के महानगर में रहने से 11 पुलिस आयुक्तालय के कार्यकक्षम में घटने से इस अपराध में से सबसे ज्यादा अपराध अकेले मुंबई शहर में घटित हुए हैं.

इसका प्रमाण 47.31 प्रतिशत है. आईपीसी अंतर्गत महानगर में दर्ज रहने वाले कुल 3 लाख 74 हजार 28 अपराध में से राज्य की राजधानी में मुंबई महानगर में 69.289 अपराध दर्ज किए गए है तथा मुंबई रेल्वे हद में 13,786 अपराध दर्ज किए गए है. अपराध के विविध प्रकरण में दर्ज रहने वाले अपराध में अहमदनगर दूसरे स्थान पर रहने से यहां दर्ज किए गए अपराधों की संख्या 16,283 है. इस वर्ष में नागपुर शहर में 12,889 अपराध दर्ज किए गए हैं. इसी तरह ठाणे शहर में 12,537, पुणे शहर 11,074, यवतमाल11,327, सोलापुर ग्रामीण 9,873, मीरा-भाइंदर 8,718, चंद्रपुर 8,029 इस प्रकार से अपराध दर्ज किए गए है. सिंधुदुर्ग जिले में राज्य में सबसे ज्यादा कम 1,162 अपराध दर्ज किए गए है.

राज्य में 2022 के अंदाजित कुल जनसंख्या का विचार करते हुए एक लाख जनसंख्या के पीछे सबसे ज्यादा यानी 836.56 अपराध यवतमाल में दर्ज किया गया तथा इसी के साथ नांदेड में 538.95 अपराध प्रति एक लाख जनसंख्या के पीछे दर्ज किया गया है. मुंबई शहर का विचार करे तो मुंबई की कुल जनसंख्या के अनुसार मुंबई में प्रति एक लाख जनसंख्या के पीछे 519.52 अपराध दर्ज किए गए. राज्य में अन्य महानगरो में पुलिस आयुक्तालय का विचार करते हुए अपराध का यह प्रमाण नागपुर शहर 451.30, पिंपरी-चिंचवड, 406.91, मीरा-भाईंदर 398.17, संभाजीनगर 315.90, पुणे शहर 261.86, ठाणे शहर 233.38, सोलापुर शहर 218.89 तथा नाशिक 192.88 प्रति एक लाख जनसंख्या के पीछे है. नंदुरबार में अपराध का प्रमाण सबसे कम यानी 54.25 प्रति एक लाख जनसंख्या के पीछे दर्ज है.

महाराष्ट्र अपराध रिपोर्ट के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या को देखते हुए सन 2012 में राज्य में कुल 2 लाख 27 हजार अपराध दर्ज किए गए है. एक लाख जनसंख्या के पीछे अपराध का यह प्रमाण 177.32 दर्ज किया गया है. 2022 में राज्य में 3 लाख 74 हजार 38 अपराध दर्ज किए गए है. एक लाख जनसंख्या के पीछे अपराध का प्रमाण 297.48 है. अपराध के यह आकडे अपराध का आलेख कैसे बढ रहे हैं. यह देखना बाकि है.

राज्य के सभी जिला व पुलिस आयुक्त कार्यालय क्षेत्र में विविध प्रकार से घटित अपराध जलद गति से इसका परिणाम निकाल कर कानुनन कार्यवाही करने में रायगड जिला अग्रसर है. जिला में घटित कुल अपराध में से 93.16 प्रतिशत अपराध पर नियंत्रण रखने पर पुलिस को सफलता मिली है. इसी के साथ साथ पालघर जिले के अपराध में से 92.14 अपराध का पर्दाफाश करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है. राज्य के कुल अपराध पर विचार करें तो राज्य पुलिस दल को 59.43 प्रतिशत अपराध का पर्दाफाश करने में सफलता मिली है और अपराध पर सफलतापूर्वक जांच कर कानूनीतौर पर कार्रवाई की गई. मुंंबई में सिर्फ यह प्रमाण 35.91 प्रतिशत रहा है.

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