जाधव ऑटोमायजेशन कंपनी के कर्मचारी बैठे धरने पर
काम में वापस लेने व नियमित पगार देने की मांग
अमरावती/दि.09– 1985 से शुरु जाधव गेयर्स एंड प्रेसिंग ऑटोमायजेशन कंपनी बंद होने से लगभग 60 मजदुर बेरोजगार होने से उनके परिवार पर भुखमरी की नौबत आन पडी है. जिसके कारण इन मजदुरों व्दारा उन्हें जाधव कंपनी के किसी अन्य युनिट में काम पर वापस लेने व नियमित वेतन देने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर 8 जनवरी से हडताल शुरु की गयी है.
आजाद समाज पार्टी के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पर बेमुदत हडताल शुरु कर जिलाधिकारी से मांग में मजदुरों व्दारा कहा गया कि जाधव कंपनी में अलग अलग युनिट शुरु रहने से जाधव गेयर्स एंड प्रेसिंग ऑटोमायजेशन कंपनी में डब्ल्यु-27 में युनिट की मशीनों को किसी अन्य कंपनी में स्थानांतरित कर कंपनी को बंद कर दिया. जिसके कारण कंपनी बंद होने से कंपनी में काम करने वाले 60 मजदुरों को बेरोजगारी की मार झेलनी पड रही है. वही इस बेरोजगारी के कारण मजदुरों व उनके परिवारों पर भुखमरी की नौबत आ चुकी है. कंपनी से बिना सुचना निकाले गए मजदुरों को किसी अन्य कंपनी में स्थान देने व नियमित वेतन देने की मांग हडतालियों व्दारा की जा रही है. इस समय किरण गुडधे, मिना नागदिवे, संजय गडलिंग, लक्ष्मण चाफलकर, रविन्द्र चौधरी, छत्रपती ढेंबरे, रत्नाकर सोलवे, सचिन भेंडे, सुनिल थोटांगे, प्रमोद मधुकर भगत, विजय घुगरे, संदिप ठाकरे, देवानंद कलमकर, अरुण लोणकर, किशोर धिमे, राजेश गाडे, सिताराम गाडगे, दिनकर पुनकर, रमेश ताले, मनिष गडपायले, ज्ञानेश्वर बेंडे, नितीन मांदले, विनोद ओझा, रतन ढवले, निलेश खरड, अजय श्रीवास, संतोष गजभिये, अजय पेढें, निलेश नागपुरे, प्रमोद पोटे, यशवंत जिकार, शिवकुमार देशमुख, विनोद चर्हाटे, विनय ढागले, निकेश जवंजाल, रविन्द्र येवतकर, सुरेश खोपे, राजेश जवंजाल, सुनिल गुल्हाने आदि सहित दर्जनों कर्मचारी मौजुद थे.