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वलगांव उडानपुल पर एसटी बस में खराबी के कारण लगा जाम

वाहनों की लगी लंबी कतारें, यात्रियों को बस से उतरना पडा

* जाम के बाद पुलिस की हुई भागमभाग
अमरावती/दि. 3– एसटी महामंडल इन दिनों मुनाफे में चल रहा है. ऐसा दावा अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन अभी भी एसटी महामंडल की गाड़ियों में किसी प्रकार सुधार देखने नहीं मिल रहा है. मंगलवार को दोपहर 1 बजे के करीब वलगांव मार्ग के उड़ान पुल पर अचानक शिवशाही बस का गियर लॉक होने से गाड़ी बंद पड़ी. जिसके कारण ट्रान्सपोर्ट की हड़ताल तो नहीं, लेकिन गाड़ी बंद पड़ने से वलगांव के उड़ान पुल पर लंबा जाम लगा था.

गौरतलब है कि, एमएच09/ईएम-1790 क्रमांक की शिवशाही बस मंगलवार को सुबह 11.45 बजे परतवाड़ा डिपो से अमरावती के लिए रवाना हुई. इस बस में यात्रा करने वाले यात्रियों द्वारा ट्रान्सपोर्ट की हड़ताल के एसटी बसों को डीजल खत्म होते ही बीच रास्ते रोका जा रहा है. इस बात की पुरजोर चर्चाएं जारी थीं. बावजूद इसके एसटी बस चालक अपनी गाड़ी आगे बढ़ा रहा था. जैसे-तैसे वह गाड़ी आगे बढ़ा रहा था, लेकिन अचानक वलगांव के पास आते ही यह शिवशाही धक्के खाने लगी. वलगांव से आगे पुल पर चढ़ते ही इस शिवशाही के गियर बदलने का प्रयास करने वाले वाहन चालक को परेशानी का सामना करना पड़ा. जिसके बाद न तो यह गाढ़ी आगे बढ़ रही थी और ना ही पीछे जा रही थी. वह एक ही स्थान पर रुक गई. तब कुछ यात्रियों ने वाहन चालक व कंडक्टर से कहा कि, हमने पहले ही बोला था कि यह गाड़ी हमें गंतव्य तक नहीं पहुंचा पायेगी. भाई पेट्रोल खत्म हो गया क्या?

इस प्रकार के सवाल उपस्थित कर उन यात्रियों ने अब हमारा क्या होगा, यह बातें शुरु की. तब शिवशाही के कंडक्टर ने उस गाड़ी के यात्रियों को दूसरी बजहाणपुर से अमरावती मार्ग पर चलने वाली गाड़ियों में बिठाया. उल्लेखनीय है कि, कुछ यात्रियों के अनुसार सोमवार को साल के पहले दिन अमरावती परतवाड़ा मार्ग पर आष्टी के पास एसटी महामंडल की बस का डीजल खत्म होने के बाद उस एसटी बस के वाहन चालक ने यात्रियों को बीच रास्ते उतार दिया था. ऐसी चर्चाएं चल रही थीं. उन यात्रियों ने बताया कि, जब यात्री बस में चढ़ने लगे थे, तो उस वाहन चालक ने पहले ही बताया था कि गाड़ी में जितना डीजल है, उतने तक ही उन्हें छोड़ा जायेगा. अगर एसटी महामंडल के प्रशासन की बात पर गौर करें, तो उनके पास फिलहाल 4 दिनों तक चल सके इतना डीजल उपलब्ध है. तो फिर वाहन चालक यात्रियों को इस प्रकार गुमराह क्यों कर रहे हैं? यह सवाल उपस्थित होने लगा है.

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