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जरुड के किसान की चंद्रपुर में कुएं में कूदकर खुदकुशी

1 जनवरी को आंदोलन में था शामिल

अमरावती/दि. 4– अथक परिश्रम के बाद हाथ लगी संतरे की फसल को खरीदी करने कोई व्यापारी तैयार न रहने से हताश हुए किसान ने मंगलवार 2 जनवरी को चंद्रपुर जिले में कुएं में कूदकर खुदकुशी कर ली. मृतक किसान का नाम पद्माकर दारोकार है.

जानकारी के मुुताबिक जरुड निवासी किसान पद्माकर दारोकार (48) यह संतरे को उचित भाव मिलने की मांग को लेकर 1 जनवरी को हुए आंदोलन में शामिल हुए थे. पश्चात काम मिलने के लिए चंद्रपुर गए थे. पद्माकर ने वरुड तसहील के जरुड ग्राम के डेढ एकड खेत में अथक परिश्रम से संतरे के पेड लगाए थे. लेकिन संतरा निकालने के पूर्व खेती के लिए लिया कर्ज कैसे अदा करना, परिवार का पालन-पोषण कैसे करना इस चिंता में वह किसी कंपनी में काम मिलने के उद्देश्य से 2 जनवरी को चंद्रपुर पहुंच गया था. लेकिन वहां भी उसे निराशा मिलने से पिंपलगांव के प्रशांत सायंकाल के खेत के कुएं में कूदकर खुदकुशी कर ली.

* जरुड से निकले मोर्चे में था शामिल
बांग्लादेश व्दारा की गई निर्यात करवृद्धि के कारण बेमौसम बारिश व अन्य नैसर्गिक आपदा से बाहर निकले संतरे को खरीदने के लिए व्यापारी न मिलने से आगे क्या करना, इस बाबत जवाब मांगने के लिए किसान सोपान ढोले के नेतृत्व में जरुड से 1 जनवरी को मोर्चा निकाला गया था. वरुड के विधायक के निवास और तहसील कार्यालय पर निकले किसानों के इस मोर्चे में पद्माकर दारोकार भी शामिल था. लेकिन बाद में दूसरे ही दिन उसने आत्महत्या कर ली.

* एक किसान का आत्महत्या का प्रयास रोका था
परिसर के किसानों का संतरा अभी भी पेड पर ही है. इस कारण निराश अवस्था में जरुडका किसान नितिन विनायक बेले यह आत्महत्या करने के प्रयास में रहते बंटी वानखेेडे और अंकुश राउत नामक युवकों ने समय सूचकता दिखाते हुए उसकी जान बचाई थी. निराश किसानों को सांत्वना मिलने के लिए परिसर के किसानों ने एकजुट होकर 1 जनवरी को विधायक देवेंद्र भुयार के निवास पर और तहसील कार्यालय पर मोर्चा निकाला था. लेकिन फिर भी पद्माकर दारोकार ने खुदकुशी कर ली. इस घटना को लेकर आंदोलनकर्ता सोपान ढोल, अंकुश राउत, बंटी वानखडे, वैभव ढोरे आदि ने खेद जताया.

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