
अमरावती/दि.30– केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति व नवबौद्ध घटक के उद्योजकों हेतु स्टैंड अप इंडिया मार्जिन मनी योजना शुरु की है. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 10 लाख से 1 करोड रुपए तक कर्ज उपलब्ध कराते हुए उद्योजकता को गतिमान करने का लक्ष्य तय किया गया है. बैंक द्वारा प्रकल्प की लागत का 75 फीसद कर्ज मंजूर करने पर लाभार्थी को 10 फीसद हिस्सा खुद भरना पडता है. वहीं केंद्र सरकार द्वारा 15 फीसद की सबसीडी दी जाती है.
* क्या है स्टैंड अप इंडिया योजना
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला उद्योजकों की व्यवसायिक कल्पना को प्रत्यक्ष में साकार करने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु केंंद्र सरकार द्वारा स्टैंड अप इंडिया योजना चलाई जा रही है.
* 75 फीसद कर्ज, 15 फीसद अनुदान
इस योजना के तहत बैंक द्वारा उद्योग हेतु 75 फीसद कर्ज आपूर्ति करने के बाद आवेदक को अपने पास से प्रकल्प की लागत का केवल 10 फीसद हिस्सा भरना होता है. वहीं 15 फीसद अनुदान दिया जाता है.
* आवेदक का हिस्सा 10 फीसद
स्टैंड अप इंडिया योजना के जरिए 10 लाख से 1 करोड रुपए तक उद्योग हेतु कर्ज आपूर्ति की जाती है. जिसके चलते लाभार्थी को 10 फीसद स्वहिस्सा भरना होता है. उद्योजकीय संकल्पना को प्रत्यक्ष में साकार करने हेतु यह योजना चलाई जा रही है.
* किसे मिलता है कर्ज?
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के उद्योजकों सहित महिला उद्योजकों को इस योजना का लाभ दिया जाता है. इस योजना का लाभ लेने हेतु लाभार्थी का 18 वर्ष की आयु पूर्ण रहना जरुरी है.
* कौन से दस्तावेज जरुरी?
जाति प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, व्यवसाय से संबंधित दस्तावेज व अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तूत करना जरुरी होता है.
* कहां व कैसे करें आवेदन
इस योजना के लाभ हेतु स्टैंड अप इंडिया के पोर्टल पर जाकर पंजीयन किया जा सकता है. जहां पर पूछे गए सवालों का जवाब देना होता है. आवेदक द्वारा दिए गए प्रतिसाद के आधार पर ही उसे प्रशिक्षणार्थी कर्जदार या तैयार कर्जदार के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है.
* अनुसूचित जाति व नवबौद्ध घटक के नव उद्योजकों को प्रोत्साहन देने हेतु स्टैंड अप इंडिया मार्जिन मनी योजना चलाई जा रही है. जिसमें 10 लाख से 1 करो रुपए तक कर्ज दिया जाता है. साथ ही 15 फीसद अनुदान भी देय होता है. अत: जिले के पात्र लाभार्थियों ने इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए.
– माया केदार,
सहायक आयुक्त,
समाज कल्याण