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नागपुर/दि.22-विधानसभा के लिए बुधवार को रिकॉर्ड मतदान का प्रमुख कारण मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना अथवा महाविकास आघाडी ने महालक्ष्मी योजना में प्रतिमाह तीन हजार रुपए का दिया आश्वासन हो सकता है. इसलिए महिलाएं बडी संख्या में बाहर निकली, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है. तथापि गुरुवार को प्रशासन द्वारा जारी हुए मतदान की अंतिम आंकडेवारी में यह अनुमान विफल रहा है. विदर्भ के सभी 11 जिले में 62 में से एकभी निर्वाचन क्षेत्र में महिलाओं के मतदान के प्रतिशत का आंकडा पुरुषों के मतदान से अधिक नहीं. केवल गोंदिया जिले में पुरुष व महिलाओं के प्रतिशत में आधे प्रतिशत का अंतर है. अन्य जिले में यह अंतर 2-3 प्रतिशत के आसपास है. अमरावती, अकोला और वर्धा इन जिले में यह अंतर 5 प्रतिशत के आसपास है. इसके पूर्व 2014 व 2019 के चुनाव को देखा जाए तो इस बार के चुनाव में भी पुरुष मतदाताओं के मतदान का प्रमाण महिला मतदाताओं से ज्यादा रहने का ट्रेंड कायम है. संपूर्ण राज्य की आंकडेवारी के अनुसार 2014 में पुरुष मतदान का प्रतिशत 64.33, महिलाओं का प्रतिशत 61.69 था. दोनों में 2.64 प्रतिशत का अंतर था. 2019 में यह अंतर और भी बढा. राज्य में 62.77 प्रतिशत पुरुषों ने तथा 59.26 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान का अधिकार आजमाया. पुरुषों का मतदान 3.51 प्रतिशत से ज्यादा रहा.
जिला पुरुष% महिला %
बुलढाना 71.28 69.86
अकोला 67.04 62.39
वाशिम 68.11 65.99
अमरावती 68.87 63.85
यवतमाल 72.47 69.17
वर्धा 71.68 66.86
नागपुर 62.84 60.37
भंडारा 72.14 69.61
गोंदिया 70.40 69.10
गडचिरोली 76.41 74.10
चंद्रपुर 72.32 70.32