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राज्य में मराठा आरक्षण आंदोलन हुआ हिंसक

बीड में भीड़ ने राकांपा विधायक के घर पर पथराव व आगजनी

* घर के सामने खडे दर्जनों वाहनों को किया आग के हवाले
बीड दि.30 – महाराष्ट्र में इस साल अगस्त से जारी मराठा आरक्षण की मांग हिंसक हो गई है. आरक्षण की मांग कर रहे दर्जनों लोगों ने सोमवार को बीड के माजलगांव में राकांपा अजीत पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पत्थरबाजी की. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने यहां दर्जनों बाइक और कार में भी आग लगा दी.
उल्लेखनीय है कि, बीते दिनों राकांपा विधायक प्रकाश सोलंके का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह मराठा आरक्षण की मांग करने वाले नेता मनोज जारंगे के खिलाफ कुछ बोलते नजर आए थे. आज उनके घर और दफ्तर पर हुए हमले की वजह इसी वीडियो को बताया जा रहा है. घटना के बाद इलाके में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
वहीं इस घटना को लेकर विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा कि, जब यह हमला हुआ, तब वे अपने घर के अंदर थे और उनके परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी इस हमले में घायल नहीं हुआ है. सभी लोग सुरक्षित हैं, लेकिन आग के कारण संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है.


* मराठा आंदोलक जरांगे पाटिल की तबीयत बिगडी
वहीं दूसरी ओर जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विगत 6 दिनों से दूसरी बार आमरण अनशन कर रहे मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत अच्छी खासी बिगड गई है. बता दें कि, मनोज जरांगे पाटिल ने अपनी इस भूख हडताल के दौरान भोजन के साथ-साथ पानी लेना भी बंद कर दिया है. साथ ही वे दिन भर में एकाद मौके पर ही एक-दो घुंट पानी पी रहे है. जिसके चलते मनोज जरांगे पाटिल इस समय उठना-बैठना तो दूर हिलने में भी असमर्थ हो गए है. वहीं उन्होंने किसी भी तरह के इलाज अथवा चिकित्सा सेवा का लाभ लेने से भी इंकार कर दिया है. ऐसे मेें मनोज जरांगे पाटिल की लगातार बिगडती स्थिति को देखते हुए आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समाज में तीव्र शोक की लहर है तथा सरकार पर इस मामले को लेकर जल्द से जल्द ठोस निर्णय लेने का दबाव बढ रहा है. वहीं दूसरी ओर विगत माह की तरह इस बार भी जालना के अंतरवाली सराटी गांव में समूचे राज्य भर से मराठा समाजबंधुओं का जमावडा लगना शुरु हो गया है.


* सरकार मराठा आंदोलकों के साथ, कानून हाथ में न ले कोई
– सीएम शिंदे ने मराठा समाज से किया आवाहन
उधर दूसरी ओर विधायक प्रकाश सोलंके के घर पर हुई पत्थरबाजी व आगजनी की घटना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, मराठा आरक्षण का आंदोलन अब गलत दिशा में जा रहा है. अत: इस बात को मनोज जरांगे पाटिल ने गंभीरता से देखना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि, मराठा आरक्षण की प्रक्रिया में सरकार सहित सभी नेता व समाज के सभी घटक शामिल है. ऐसे में इस तरह की घटनाओं के पीछे कौन है और आत्महत्याएं क्यों हो रही है. इसका विशेष तौर पर मराठा समाज के नेताओं को विचार करना होगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यदि हम आपस में ही संषर्घ करने लगे, तो मराठा समाज को मिलने वाली सहानुभूति पर असर पडेगा. इस सबके साथ ही सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, मराठा समाज को आरक्षण दिलाने हेतु सरकार तकलीकी और कानूनी रुप से ठोस कदम उठा रही है. ताकि आगे चलकर मराठा आरक्षण कोर्ट में भी टीका रह सके. इसे लेकर सरकार द्वारा लगातार युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. जिसके तहत कैबिनेट सहित समिति व उपसमिति की बैठके लगातार जारी है. अत: मनोज जरांगे पाटिल ने इस विषय को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और सरकार पर बिना वजह प्रभाव भी नहीं बनाना चाहिए.

* मराठा आरक्षण की मांग, 11 दिन में 13 सुसाइड
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर रविवार (29 अक्तूबर) को एक अन्य युवक ने आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान बीड जिले के परली तालुका के रहने वाले गंगाभीषण रामराव के रूप में हुई है. यह जिले में पिछले दो दिनों में आत्महत्या की दूसरी घटना है. वहीं, राज्य में 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं. इससे पहले, शनिवार (28 अक्तूबर) को एक पंचायत सदस्य ने खुदकुशी की थी. मरने वाले का नाम महेश कदम था. वह अहमदनगर की ढालेगांव तहसील का रहने वाला था. उल्लेखनीय है कि, दो दिन पहले 27 अक्टूबर को 2 और लोगों ने खुदकुशी की थी. पुलिस ने बताया था कि बीड़ जिले के शत्रुघ्न काशिद और उस्मानाबाद जिले के बलिराम देवीदास साबले ने आत्महत्या की थी.

* सुसाइड से पहले मराठा आरक्षण के समर्थन में नारे लगाए
बीड़ जिले के अंबाजोगई तहसील के रहने वाले 27 साल के शत्रुघ्न काशिद शुक्रवार को रात करीब साढ़े 11 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गए. उन्होंने दो घंटे तक मनोज जारांगे और आरक्षण के समर्थन में नारे लगाए. वो सुसाइड करने जा रहा थे. लोगों की सूचना पर जारांगे ने काशिद से बातचीत भी की. पुलिस ने भी उसे मनाने की कोशिश की. कुछ देर बाद काशिद ने पानी की टंकी से कूदकर अपनी जान दे दी. इसके बाद सुबह लोगों ने काशिद का शव शिवाजी की प्रतिमा के पास रखकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. 5 मराठा गांवों और बारामती मराठा क्रांति मोर्चा ने भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि नेता यहां न आएं.
खुदकुशी का दूसरा मामला उस्मानाबाद जिले के परांडा तहसील के डोमगांव का है. पेशे से किसान 47 साल के बलिराम देवीदास साबले ने शुक्रवार को अपने खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिवार के मुताबिक, साबले शुक्रवार को सुबह अपने भतीजे के साथ मराठा आरक्षण पर बातचीत कर रहे थे. उन्होंने अपने भतीजे से कहा कि मराठाओं को आरक्षण नहीं मिलने से बेहतर है कि हम आत्महत्या कर लें. इसके बाद साबले सुबह 10 बजे अपने घर से निकले. दोपहर तक जब वे घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी हीराबाई उन्हें ढूंढने खेत की ओर गई. जब वे अपने खेत पहुंची तो उन्होंने साबले का शव पेड़ पर लटकते हुए देखा.

* शिवसेना सांसद ने इस्तीफा दिया; राकांपा शरद गुट ने विशेष सत्र की मांग की
इधर, राकांपा शरद गुट के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटील, सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मराठा आरक्षण को लेकर राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन में मुलाकात की है. उन्होंने इसे लेकर राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने की मांग की. वहीं, मराठा आरक्षण के समर्थन में हिंगोली के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस्तीफा अभी लोकसभा अध्यक्ष तक नहीं पहुंचा है, लेकिन इस्तीफे का लेटर वायरल हो रहा है.

* लातूर में पानी की टंकी पर चढ़ी 9 महिलाएं
– कई लोगों ने शुुरु की अनिश्चितकालिन भूख हडताल
लातूर शहर में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 9 महिलाएं गांधी चौक स्थित 70 फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गईं. पुलिस और जिले के अन्य अधिकारियों ने उन्हें नीचे आने की अपील की. लेकिन उन्होंने नीचे आने से इनकार कर दिया. वहीं, मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों ने मराठा आरक्षण एक्टिविस्ट मनोज जारांगे की अपील पर शहर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरक्षण मिलने तक वे लड़ाई जारी रखेंगे लेकिन आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाएंगे.

* मराठा आरक्षण पर उलझी भाजपा, शाह ने संभाली कमान
2024 लोकसभा चुनाव में अभी 6 महीने बाकी हैं. ऐसे में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा प्रदर्शन भाजपा के लिए मुसीबत बन गया है. हालांकि महाराष्ट्र के उच् एकनाथ शिंदे ने इसे साधने के लिए विदर्भ में मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने की पहल की, लेकिन यहां पार्टी का मजबूत ओबीसी वर्ग भड़क गया है. डैमेज कंट्रोल के लिए खुद गृहमंत्री अमित शाह निगरानी कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक की. सूत्रों का कहना है कि इसमें यह बात आई कि जिस तरह का माहौल और कानूनी अड़चन है, उसमें मराठों को आरक्षण देना संभव नहीं है. पहले यह कोशिश की गई थी कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाए, ताकि उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सके, लेकिन इससे मराठा आरक्षण की मांग ठंडी नहीं पड़ी. उलटा विदर्भ का ओबीसी समुदाय भड़क गया.

* राज्य में मराठा सीटों का गणित
भाजपा विदर्भ में ओबीसी जनाधार के बूते मजबूत है. राज्य की 48 लोकसभा सीट में से 11 इसी इलाके में हैं और भाजपा 10 सीटों पर काबिज है. राज्य की 288 विधानसभा सीटों में 62 इसी क्षेत्र से हैं. देवेंद्र फडणवीस जब सीएम थे, तो 2018 में उन्होंने मराठों को 16% आरक्षण देने की व्यवस्था की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में इसे खारिज कर दिया. साथ ही, इस साल अप्रैल में इस मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दीं.


* जालना हेतु निकले उदयनराजे बीच रास्ते से वापिस लौटे
मराठा आरक्षण के लिए जालना के अंतरवाली सराटी गांव में आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल से मिलने हेतु निकले राज्यसभा सांसद उदयनराजे भोसले के वाहनों का काफीला अचानक ही पुणे की ओर मुड गया. जिसे लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. बता दें कि, विगत माह मनोज जरांगे पाटिल द्वारा किए गए अनशन के समय भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने अंतरवाली सराटी गांव जाकर जरांगे पाटिल से मुलाकात की थी और इस बार भी उन्होंने जरांगे पाटिल से मुलाकात करने की इच्छा जतायी थी. इसके चलते वे आज सुबह जालना जाने हेतु रवाना हुए थे. परंतु बीच रास्ते से वापिस लौटकर सांसद उदयनराजे पुणे में आकर रुक गए.

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