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मराठी शाला के शिक्षक विद्यार्थियों की खोज में

शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र की पटसंख्या टिकाने के लिए शिक्षकों का प्रयास

अमरावती/दि.16– विगत कुछ वर्षो में अंग्रेजी मीडियम की शाला की संख्या बढ रही है. उनका फटका , जिला परिषद, नगर परिषद , महानगर पालिका की शाला सहित निजी संस्था की अनुदानित शाला व अन्य मराठी मीडियम की शालाआेंं को बैठता है. जिसके कारण विद्यार्थियों की पटसंख्या टिकाने के लिए तथा बढाने के लिए गर्मियों की छुट्टियों में शिक्षक विद्यार्थियों की खोज में घूम रहे है. ये चित्र शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में है.

विगत कुछ वर्षो में अंग्रेजी मीडियम की तथा निजी शालाओं में बडी संख्या में वृध्दि हुई है. शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के पालक भी अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम की शाला में पढाने को प्रधानता देते हैं. उसका परिणाम जि.प., न.प. मनपा सहित निजी अनुदानित शालाओं पर हो रहा है. अनेक शालाओं की अपेक्षा इसमें योग्यता होने पर भी मराठी मीडियम के कारण इस शाला में प्रवेश कम हो रहा है. अनुदानित तथा मराठी मीडियम की शाला की संख्या तेजी से कम हो रही है . परिणामस्वरूप पटसंख्या के अभाव में अनेक शाला में शिक्षक अतिरिक्त है. ऐसी स्थिति में विद्यार्थी संख्या टिकाने का आवाहन शाला के सामने है.उस पर उपाय के रूप में गर्मी की छुट्टी में शिक्षक विद्यार्थियों की खोज कर पटसंख्या बढाने का काम कर रहे हैं.

गर्मी की छुट्टी लगते ही शिक्षक विद्यार्थियों की खोज कर रहे है. इसके लिए शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर जाकर तथा बस्ती में जाकर शाला बाह्य विद्यार्थियों की खोज कर रहे है. शिक्षक पालकों की भेंट लेकर उन्हें शाला के विषय में शाला में दिया जानेवाली सुविधा के विषय में जानकारी देकर पालको को समझाने का प्रयास करते दिखाई दे रहे है. किंतु पालक अंग्रेजी मीडियम की शालाओं के प्रति अग्रसर होते हुए कम दिखाई दे रहे हैं.

* शिक्षकों ने व्यक्त किया खेद
एक ओर मराठी मीडियम की शालाओं मेंं विद्यार्थियों की संख्या घटती हुई दिखाई दे रही है. दूसरी बात विद्यार्थियों का शाला में प्रवेश न होने पर नौकरी में भी अडचन आने की संभावना है. शाला में विद्यार्थियों का प्रवेश होने के अलावा कोई पर्याय नहीं है. ऐसा खेद विद्यार्थियों की खोज में रहनेवाले शिक्षकों ने व्यक्त किया है.

* गर्मियों की छुट्टीयों पर पानी फिरा
बदलती शिक्षा के प्रवाह में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियोें का उत्साह अंग्रेजी मीडियम की शालाओं में बढ रहा है. जिसके कारण मराठी शाला में पटसंख्या कम हो रही है. पटसंख्या कायम रखकर नौकरी टिकाने के लिए गर्मी की छुट्टी पर ध्यान न देते हुए शिक्षक विद्यार्थियोें की खोज कर रहे हैं.

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