अन्यअमरावतीमहाराष्ट्र

होली के लिए मेलघाट लौट रहे स्थलांतरित आदिवासी परिवार

बाजार में खरीदी के लिए बढ रही भीड

* इस बार खास रहेगी होली
चिखलदरा/दि.21– आदिवासी परिवारों का मुख्य त्योहार होली है. रविवार 24 मार्च को होलिका दहन और 25 को धूलिवंदन है. यह त्योहार आदिवासी बंधु अपने मूल गांव में मनाते है. मेलघाट से बाहर अन्य जिले में काम के लिए स्थलांतरित हुए आदिवासी बंधु होली के लिए अपने गांव लौट रहे है. त्योहार मनाने के लिए बाजार में खरीदारी शुरु हो गई है. बाजार में भीड देखने मिल रही है.

मेलघाट के आदिवासी मजदूर पैसे कमाने के लिए गांव व घरपरिवार छोडकर अमरावती, अकोला, बुलडाणा, खामगांव, नागपुर, मुंबई, समेत राजस्थान, सूरत, गुजरात आदि अनेक क्षेत्र में स्थलांतरित होते है. मिलने वाली मजूदरी की रकम से बच्चों के लिए कपडे तथा होली के लिए उपयोगी जीवनावश्यक वस्तूओं की खरीदी कर आदिवासी मजदूर मेलघाट लौटते है. पिछले 6 महिने से मेलघाट के बाहर स्थलांरित मजदूर मिले उस वाहन मेलघाट में लौट रहे है. मेलघाट के वीरान पडे गांवों में अब रौनक दिखाई दे रही है. सभी में उत्साह का माहौल है. होली के लिए कुछ ही दिन शेष है. आदिवासी क्षेत्र के गांव-कस्बों में रंगरोगन तथा घर व परिसर की साफ-सफाई करने के काम में महिलाएं जुटी है. हर गांव में उत्साह का माहौल है.

इस बार होली रहेगी खास
हर साल की अपेक्षा इस बार मेलघाट में होली का त्योहार खास होगा. क्योंकि इस बार लोकसभा के चुनाव आने से राजनीतिक दल के नेताओं का मेलघाट में आना-जाना बढ गया है. आदिवासी परिवारों को मनोरंजन तथा विविध सपने दिखाए जाएंगे. राजनेताओं की तरफ से फगवा मिलने से आदिवासी बंधुओं में उत्साह देखने मिल रहा है.

Related Articles

Back to top button