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शहर में विगत वर्ष बढे 1 लाख से अधिक वाहन

दिनोंदिन सडकोें पर बढ रहा यातायात का दबाव

* यातायात पुलिस पर आ रहा काम का अतिरिक्त बोझ
* विभिन्न चौक-चौराहों पर ट्राफिक सिग्नल लगाना है बेहद जरूरी
अमरावती/दि.27– आज प्रत्येक व्यक्ति के घर पर कम से कम दो दुपहिया वाहन जरूर है. साथ ही हर दूसरे-तीसरे परिवार के पास एक अथवा दो चारपहिया वाहन भी उपलब्ध है. चूंकि सार्वजनिक परिवहन के साधनों की संख्या बेहद सीमित है. ऐसे में प्रति वर्ष शहर में नागरिकों द्वारा 1 लाख से अधिक वाहन खरीदे जाते है और जिससे अब सडकोें पर वाहनों की भीड लगातार बढती जा रही है और वाहनों की आवाजाही को सुचारू रखने हेतु यातायात पुलिस को काफी कसरत करनी पड रही है. क्योंकि लगातार बढती वाहन संख्या की तुलना में यातायात व्यवस्था संभालने हेतु उपलब्ध मनुष्यबल कम पडने लगा है. ऐसे में कई बार शहर के अनेक क्षेत्रों में यातायात बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाता है.
महानगर क्षेत्र में दिनोंदिन बढ रही वाहन संख्या का परिणाम सडकों पर अतिरिक्त बोझ के रूप में सामने आ रहा है. इसमें भी शहर में कई स्थानों पर ट्राफिक सिग्नल नादुरूस्त पडे है. इसकी वजह से यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने में काफी तकलीफे आती है. ऐसे में यातायात पुलिस तथा महानगर पालिका को एक साथ मिलकर आपसी समन्वय के साथ काम करने की सख्त जरूरत है. इस बात के मद्देनजर शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह तथा मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर ने साथ मिलकर सकारात्मक प्रयास करने शुरू किये है.

* जिले में हैं 7 लाख से अधिक वाहन
आरटीओ कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले में 5 लाख 47 हजार 983 दुपहिया वाहन, 81 हजार 181 कार, 27 हजार 298 मालवाहक वाहन तथा 14 हजार 662 ट्रैक्टर ऐसे कुल 6 लाख 71 हजार 492 वाहन है. जिसमें से लगभग 60 फीसद वाहन शहरी क्षेत्र में है.

* सालभर में बढे 1 लाख वाहन
अमरावती शहर सहित जिले में प्रति वर्ष करीब 1 लाख वाहनों की संख्या बढ जाती है. जिसमें दुपहिया वाहनों का प्रमाण सबसे अधिक है. ऐसे में दिनोंदिन शहर सहित जिले की सडकों पर वाहनों की भीड बढती जा रही है और बढती वाहन संख्या के लिहाज से सडकें कम पडने लगी है.

* प्रमुख चौराहों पर सिग्नल ही नहीं
इन दिनों शहर का विस्तार बडी तेजी से हो रहा है और नई-नई रिहायशी बस्तियों के साथ नये व्यवसायिक क्षेत्र भी विकसित हो रहे है. जिसके चलते कई चौक-चौराहों पर वाहनों की आवाजाही बढ गई है. किंतु इन चौक-चौराहों पर ट्राफीक सिग्नल की व्यवस्था ही नहीं है, जबकि वहां ट्राफिक सिग्नल रहना बेहद जरूरी है.

* दो चौराहों पर सिग्नल बंद
कुछ समय पूर्व डिपो परिसर व रूख्मिणी नगर परिसर में ट्राफीक सिग्नल की व्यवस्था उपलब्ध करायी गई थी. लेकिन विगत कई महिनों से ट्राफीक सिग्नल नादुरूस्त रहने के चलते बंद पडे है. हालांकि डिपो परिसर में यातायात पुलिस द्वारा सिग्नल के बिना ही वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाता है.

* सालभर हुई वाहनोें चालकों पर कार्रवाई
शहर यातायात पुलिस द्वारा वर्ष 2021 में कुल 1 लाख 83 हजार 612 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई. जिनसे 1 करोड 44 लाख 16 हजार 200 रूपये का दंड वसूल किया गया है.

* मनुष्यबल पड रहा कम
अमरावती शहर यातायात शाखा में 198 पुलिस कर्मचारी के पद मंजुर है, लेकिन यहां पर केवल 130 यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा पुरे शहर की यातायात व्यवस्था को संभाला जा रहा है. इसी तरह दो यातायात शाखाओं में केवल 8 अधिकारी ही पदस्थ है. ऐसे में अपर्याप्त मनुष्यबल के साथ यातायात विभाग को काफी चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड रहा है.

प्रतिवर्ष वाहन संख्या बढ रही है. साथ ही शहर की जनसंख्या में भी करीब डेढ गुना इजाफा हो चुका है. जिसकी तुलना में यातायात शाखा के पास मनुष्यबल काफी मर्यादित है. साथ ही यातायात नियंत्रित करने से संबंधित साहित्य भी काफी कम है. हालांकि इसके बावजूद भी यातायात पुलिस द्वारा अपने कर्तव्यों को बेहतरीन ढंग से निभाया जा रहा है.

 

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