-
बसपा गुट नेता चेतन पवार ने दी आंदोलन की धमकी
अमरावती/दि.14 – कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान मौजे तारखेडा में यासीर कालोनी के निकट नमक कारखाने के पास जिला एवं मनपा प्रशासन द्वारा मनपा का कोविड अस्पताल शुरू करने का नियोजन किया गया था. किंतु इसे नौ माह बीत जाने के बाद भी मामला जस का तस पडा हुआ है और इस अस्पताल हेतु मंजुर की गई 1.35 करोड रूपयों की निधी धुल खाते हुए पडी है. जिसके लिए मनपा के बसपा गुट नेता चेतन पवार ने मनपा अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है. साथ ही इस मामले को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.
बता दें कि, बसपा गुट नेता चेतन पवार के प्रस्ताव पर ही मनपा की आमसभा के अलावा जिला प्रशासन ने भी मौजे तारखेडा में 30 बेड का कोविड केयर सेंटर शुरू करने का प्रस्ताव मंजुर किया था. जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से 1 करोड 35 लाख रूपयों की निधी ही मंजुर की गई थी. हालांकि आपसी समन्वय की वजह से इस मामले में अब तक कोई काम नहीं हो पाया है और यह मामला अब भी मनपा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख विशाल काले के पास ही पेंडिंग पडा हुआ है. ऐसे में गत रोज बसपा गुट नेता चेतन पवार ने मनपा उपायुक्त सुरेश पाटील से मुलाकात करते हुए इस विषय को लेकर अपनी नाराजगी जतायी. साथ ही उन्होंने उपायुक्त नरेेंद्र वानखडे से भी इस विषय को लेकर चर्चा की. जिसके चलते वानखडे ने तुरंत ही मनपा के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करते हुए आवश्यक जानकारी ली और आगामी कुछ दिनों के भीतर मनपा का अस्पताल शुरू करने की जानकारी गुट नेता चेतन पवार को दी गई.
इस समय मनपा प्रशासन की ओर से बताया गया कि, लगातार बढती मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए विमवि छात्रावास में 50 बेड का कोविड केयर सेंटर भी जल्द ही शुरू किया जायेगा. वहीं तारखेडा परिसर में बनाये जानेवाले अस्पताल के संदर्भ में बताया गया कि, मनुष्यबल की कमी रहने के चलते अब तक यह अस्पताल शुरू नहीं किया गया है, जबकि अस्पताल के लिए निधी काफी पहले ही प्राप्त हो चुकी है. किंतू चूंकि अस्पताल में नियुक्त करने हेतु डॉक्टर व कर्मचारी ही उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अस्पताल के लिए मशीने भी नहीं खरीदी गई है और यह मामला पूरी तरह से अधर में लटका हुआ है.
नये आयुक्त को विषय से कराया अवगत
कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान पैदा हुई भयावह स्थिति को देखते हुए किसी भी संभावित हालात से निपटने हेतु मनपा का कोविड अस्पताल शुरू करने के संदर्भ में आमसभा के जरिये प्रस्ताव मंजूर कराया गया था और जिला प्रशासन से पत्र व्यवहार करते हुए 1 करोड 35 लाख रूपये की निधी प्राप्त की गई थी. किंतु स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से यह विषय अब भी अधर में लटका हुआ है. इस मामले को लेकर नवनियुक्त आयुक्त डॉ. आष्टीकर से मिलकर पूरी जानकारी दे दी गई है और यदि इस विषय को लेकर जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो बहुत जल्द मामला गंभीर भी हो सकता है.