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उलेमाओं के बिखरने से असंमजस में मुस्लिम मतदाता

हर राजनीतिक पार्टी अपने तौर पर उलेमाओं की मदद से मांग रही वोट

किसकी लहर ? किसको वोट ? यह समझ पाना मुश्किल
अमरावती/दि.17 –  एक दौर था कि जब विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव किसी एक मुस्लिम उलेमा (धर्मगुरु) के कहने पर समाज उस ओर अपना वोट पलटी कर देता था और उस उम्मीदवार को जीताने के लिए समाज पूरी ताकत लगा देता था. किंतु अब यानी 2024 विधानसभा चुनाव के दौरान यह नजारा बिल्कुल भी बदल गया है. जहां एक पार्टी के उम्मीदवार व्दारा किसी एक बडे उलेमा को मंच पर बुलाकर उनसे अपने हक में वोटिंग मांगी जा रही है. वही दूसरी ओर दूसरी पार्टी का उम्मीदवार भी उससे भी बडे धर्मगुरु उलेमा को अपने मंच पर लाकर या सोशल मीडिया के मार्फत अपने हक में प्रचार कर रहा है. इन उलेमाओं की तकरीर व चुनाव प्रचार कार्यक्रम में बडी संख्या में माई-बाप मतदाता और नागरिक इकठ्ठा भी हो रहे है. मगर चुनाव में किसे वोट देना यह निर्णय करना अब मतदाताओं के बस की बात नहीं रह गई. क्योंकि वह किस धर्म गुरु की बात माने? इसी पशोपेश में उनका दिन गुजर जा रहा है.
देखा जाए तो इस बार का विधानसभा चुनाव बहुत ही खिचडीनुमा साबित हो रहा है. कौन सी पार्टी या उम्मीदवार को वोट देना है, यह जनता तय नहीं कर पा रही है. उस पर राजनीतिक पार्टियों व्दारा बडे-बडे उलेमाओं को लाकर पश्चिम क्षेत्र की जनता को अपने हक में वोट देने के लिए आवाहन किया जा रहा है. इसी पशोपेश में जनता फंसी हुई है कि किस उलेमा का कहना (फतवा) माना जाए. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक जनता को यह नहीं पता कि किसे वोट देना या किसे नहीं. वही कई पार्टीयों व्दारा कई बडे मुस्लिम लिडरों को लाकर पश्चिमी क्षेत्र की जनता का ब्रेनवाश करने का प्रयास किया जा रहा है. मगर जनता उन लिडरों का कितना कहना मानती है. यह समय बता सकता है. बात करते है आजाद समाज पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार की तो उनके प्रचार के लिए मौलाना सज्जाद नोमानी ने सोशल मीडिया के माफर्त डॉ. अलीम पटेल के लिए वोट मांगा है. वही कांग्रेस व महाविकास उम्मीदवार डॉ. सुनील देशमुख ने पिछले दिनों एक सभा के दौरान मुफ्ती हारून नदवी को बुलवाकर अपने पक्ष में वोट मांगा. मुफ्ती हारून ने एक है तो सेफ का है नारा दिया. तो जनता उनकी बातों को थोडा बहुत समझने लगी. वही इंडियन युनियन मुस्लिम लीग के उम्मीदवार हाजी इरफान खान ने मुफ्ती हनीफ बालापुरी के माध्यम से जनता से वोंट मांगा. तो वहीं पिछले दिनों युति की प्रत्याशी सुलभा खोडके के पक्ष में दिल्ली के कारी मुस्तफा दहेलवी और औरगांबाद के बीआरएस के नेता मौलाना कदिर ने भी जनता से महायुति के पक्ष में वोट मांगा है. जिसके चलते इन उलेमाओं की तकरीर व भाषण के कारण अब भी जनता के दिमाग में नहीं आ रहा कि किसे वोट देना और किसे नहीं?

फोटो इमरान प्रतापगढी
कितना कारगर होगी प्रतापगढी की बाते
चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी प्रत्याशी डॉ. सुनील देशमुख की ओर से महाविकास आघाडी का प्रचार करने के लिए मुंबई से सांसद व शायर इमरान प्रतापगढी को बुलवाया गया था. डिप्टी ग्राऊंड में हुई सभा में हजारों की संख्या में नागरिक,मतदाता उन्हें सुनने के लिए आए.उनकी हर बातों पर जोरदार तालियां व नारे भी लगें. किंतु यह नागरिक सिर्फ सांसद इमरान प्रतापगढी की शायरी सुनने आए थे या सभा को गंभीरता से लेने यह चुनाव रिजल्ट आने के बाद पता चलेगा कि प्रतापगढी व्दारा किया गया ब्रेनवॉश कितना कारगर साबित हुआ.

बॉक्स फोटो- जीएम बन्नातवाला व गुलाम नबी आजाद
ऐतिहासिक बना असो.स्कूल ग्राऊंड
पठान चौक स्थित असो. स्कूल ग्राऊंड कई बडी राजनीतिक सभाओं का गवाह है. इस मैदान में सालों पहले इंडियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय नेता, सांसद जी.एम बन्नातवाला सहित कॉग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद और भी बडे-बडे नेता यहां आकर भाषण दे चुके है. इस बार 2024 के विधानसभा चुनाव में इसी मैदान में कई बडी हस्तीयां उलेमाओं ने भी आकर अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज का मार्गदर्शन किया. इस मैैदान को कई राजनेता लकी मानते है. इस लिए इस स्थान पर सभा करने को तवज्जों देते है.

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