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नवजात शिश का नाम रखा ‘ पंजाबराव ’

पीडीएमसी में उपचार के बाद स्वस्थ हुए शिशु पालकों का निर्णय

अमरावती/ दि. 21-श्री शिवाजी शिक्षा संस्था द्बारा संचालित डॉ. पंजाबराव उपाख्य भाउसाहब देशमुख स्मृति वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल (पीडीएमसी) में गत 4 फरवरी 2024 को 7 माह के 1 किलोवजन वाले शिशु के फेफडे पूरी तरह विकसित नहीं होने के कारण उसे श्वास लेने में तकलीफ हो रही थी. बाल को एनआयसीयू (नवजात अतिदक्षता विभाग) में व्हेंटीलेटर पर रखा गया. पश्चात इस शिशु का वहां उपचार शुरू हुआ. इस बच्चे को चौथे दिन वहां सी व्याप नामक मशीन पर रखा गया. किंतु 11 वें दिन शिशु को श्वास लेने में तकलीफ बढने के कारण पुन: व्हेंटीलेटर पर रखा गया. यह बालक 18 दिनों तक व्हेंटीलेटर पर था तथा 32 दिनों तक सी व्याप मशीन पर तथा 76 दिनों तक ऑक्सीजन पर रखा गया था. इस बीच बच्चे की दो बार रक्त व प्लेटलेट्स दी गई. 90 दिनों के बाद बच्चे की मांग व बच्चे को एमएनआयसीयू (मदरबेबी केअर यूनिट) में 7 दिनों तक रखा गया तथा उसके बाद पांच दिन शिशु को वार्ड में रखा गया. 102 दिनों के बाद यह शिशु पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई.

अस्पताल के डॉक्टरों द्बारा इस गंभीर स्थिति वाले नवजात शिशु के प्राण बचाने के लिए किए गये अथक परिश्रम को देखकर बच्चे की दादी ने बच्चे का नाम अस्पताल के संस्थापक कृषि मंत्री डॉ. पंजाबराव के नाम पर रखा. उल्लेखनीय है कि पीडीएमसी के एनआयसीयू में 30 बेड तथा 24 घंटे डॉक्टर व नर्सेस मरीज की पूरी देखभाल करते हैं. अस्पताल में मिल्क बैंक की भी सुविधा उपलब्ध है. ये सभी सेवाएं अत्यंत अल्प दरों पर उपलब्ध हैं तथा म. फूले जन आरोग्य योजना व बीपीएल योजना के अंतर्गत पूरा उपचार मुफ्त में किया जाता है.
शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमख, अधिष्ठाता डॉ. अनिल देशमुख, वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. पवन टेकाडे, वैद्यकीय उप अधीक्षक डॉ. सोमेश्वर निर्मल का मार्गदर्शन व सहयोग मिला. साथ ही बालरोग विभाग के प्रमुख डॉ. प्रतिभा काले व अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अथक परिश्रम कर शिशु को नया जीवन प्रदान किया.

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