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ना फूड पार्क आया ना ऑरेंज उन्नति प्रकल्प !

प्रक्रिया उद्योग प्रलंबित,संतरे के भाव गिरे

  • उत्पादक संकट में

नागपुर प्रतिनिधि/दि.१ – प्रक्रिया उद्योग का अभाव, घटी मांग और बाजार में बढ़ी हुई आवक जिसके कारण आंबिया बहार के संतरे के भाव गिर गये है. चार वर्ष पूर्व नींव खड़ी हुए दोनों दो संतरा प्रक्रिया प्रकल्प प्रलंबित होने से यह स्थिति निर्माण हो गई है. ऐसा संतरा उत्पादक का कहना है.
मुल में विदर्भ में संतरा प्रकिया उद्योग का अभाव है. बाजार में मध्यम व छोटा आकार के संतरे की अधिक मांग नहीं है. जिसके भाव कम हो गये है.

  • उत्पादन खर्च भी नहीं निकलता

संतरे को बाजार में प्रति टन १० से १२ हजार भाव मिलने पर उसका केवल उत्पादन खर्च ही निकलता है किसानों को नफा नहीं मिलता. फिलहाल बाजार में संतरे को १० से १३ हजार रूपये प्रति टन भाव मिलता हैे. इस साल सितंबर,अक्तूबर में बारिश शुरू होने से संतरा तोडऩा संभव नहीं हुआ. इस समय संतरे की मांग अधिक होती है. नवंबर में संतरा बाजार में आने की शुरूआत हो गई हैे.प्रतिकुल वातावरण के कारण संतरे का आकार, रंग व स्वाद इसमें बदलाव हुआ है. बाजार में आपूर्ति बढऩे से संतरे की कीमत कम हो गई है. दोनों प्रकल्प शुरू होते तो आज संतरे का प्रति टन दर २० से २८ हजार रूपये पर स्थिर रहा है.

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