* पॉलिटेक्नीक कालेज के सामने 9 साल पहले की वारदात
अमरावती/दि.08– प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश एम.आर. देशपांडे ने करीब 9 वर्ष पूर्व शासकीय तंत्रनिकेतन कालेज के गेट के सामने एक युवक पर चाकू से जानलेवा हमला करनेवाले अभियुक्त स्वप्निल उर्फ भाम्या केशव भामोदेे (30, छत्रसाल नगर) को दोषी पाकर तीन वर्ष सश्रम कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना की सजा मंगलवार को सुनाई. इस मामले में कोर्ट में 11 गवाह प्रस्तुत किए गए. वहीं आरोपी भामोदे के दो साथी निशांत दयानंद नरवाडे (29, घनश्याम नगर) और अमोल उर्फ गोलू हरिदास खांडेकर (34, शेगांव) को अदालत ने बरी कर दिया. प्रकरण में अतिरिक्त सरकारी वकील एड. सुनीत घोडेस्वार ने अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी की.
इस्तगासे के मुताबिक बात 29 अक्तूबर 2015 की है. फिर्यादी युवती अपने मित्र सोमेश संतोषराव देशमुख के साथ शॉपिंग के लिए डी मार्ट गई थी. नाश्ता कर वे लौट रहे थे. सोमेश उसे हर्षराज कालोनी स्थित उसके घर छोडने अपनी स्कूटी से जा रहा था. तब बगैर नंबर की बाइक पर तीन युवक इन दोनों का पीछा करने लगे. गाडगेनगर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार आरोपी स्वप्निल, निशांत और अमोल ने पीछा किया और लाल टी शर्ट पहने स्वप्निल ने शिकायतकर्ता को देखकर भद्दे इशारे किए.
* भद्दे इशारे और फिर चाकू घोंपा
सोमेश ने गाडी रोककर उनसे सवाल-जवाब किया. जिससे गाडी शासकीय तंत्र निकेतन कालेज के गेट के सामने रोकी. युवती को परे हटाकर तीनों ने सोमेश पर हमला किया. लाल टी शर्ट पहने और लंबे बाल वाले युवक ने कमर से चाकू निकालकर सोमेश के सीने में घोंप दिया. इसके बाद भी बाइक चलानेवाला और अन्य युवक सोमेश से मारपीट करने लगा. खिंचातानी में सोमेश के सीने से चाकू नीचे गिरा. जो उसने उठाकर फेंकने का प्रयास किया तो लाल टी शर्ट पहने युवक ने और दूसरे दुबलेपतले लडके ने पत्थर उठाकर सोमेश पर वार करना चाहा. तभी वहां एक व्यक्ति आया. उसने चाकू न मारने की बात कही. वह चाकू को डिवायडर पर रख दिया. लाल टी शर्टवाले युवक ने वह चाकू उठाकर फिर सोमेश की कमर में वार किया.
* कोई मदद के लिए नहीं आया
युवती ने शिकायत में बताया कि, वह बचाओ-बचाओ चिल्ला रही थी, फिर भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आया. सोमेश की छाती से काफी खून निकल रहा था. हवा भी आ रही थी. उसे किसी तरह अस्पताल में भर्ती किया गया. गाडगेनगर पुलिस ने शिकायत दर्ज की. हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया. पीएसआय राहुल चव्हाण ने प्राथमिक जांच कर आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में दोषारोपपत्र दाखिल किया.
* 11 साक्षीदार पेश
अभियोजन पक्ष ने महत्वपूर्ण 11 साक्षीदार कोर्ट में प्रस्तुत किए. साक्ष और सबूतो के आधार पर एवं दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने पश्चात न्यायालय ने आरोपी स्वप्निल उर्फ भाम्या को दफा 326 के तहत दोषी पाकर तीन वर्ष सश्रम कारवास व जुर्माने की सजा सुनाई. एड. घोडेस्वार को इस प्रकरण में कोर्ट पैरवी एएसआय विजय वाट (ब.नं. 860) और एएसआय देवराव डकरे (ब.नं. 80) और शासकीय अभियोक्ता कार्यालय के एनसीपी अरुण हटवार ने सहयोग किया.