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जो सेवा करेगा, लोकप्रिय बनेगा

श्री बालाजी महात्म में विजय जी पल्लोड का प्रतिपादन

गजानन महाराज प्रगट दिन महोत्सव
अमरावती /दि.28 – सेवा बहुत बडी चीज है. सेवा करना चाहिए. नाना प्रकार की सेवाएं हम कर सकते हैं. हमारी संत महात्माओं ने भी सेवा परमोधर्म कहा है. धन्य है वह जो जल की व्यवस्था करता है. जल है तो जीवन है. इसी प्रकार जो सेवा करेगा, वह लोकप्रिय बनेगा. इस आशय का प्रतिपादन भगवान बालाजी महात्म के बखानकर्ता विजय जी पल्लोड ने किया. वे गत शाम बडनेरा रोड के मंत्री मोटर्स के सामने श्री संत गजानन महाराज संस्था द्वारा आयोजित प्रगट दिन महोत्सव अंतर्गत श्री बालाजी महात्म विशद कर रहे थे.
* बालाजी की कथा का बखान
बालाजी महात्म की अनेकानेक बातों तथा जनश्रुतियों को आपने अपने अंदाज में प्रस्तुत किया. विविध भजनों और गीतावली के माध्यम से श्रोताओं को तीन घंटे तक बांधे रखते हुए पल्लोड ने कहा कि, भगवान बालाजी अनंतकल्प से प्रकट हुए. उनके प्राकट्य में स्वामी पुष्करिणी का बडा स्थान है. ऐसे ही अगस्त्य ऋषि के तप और प्रताप से भगवान बालाजी को प्रकट होना पडा. पल्लोड ने बताया कि, भगवान शंकर के श्रेष्ठ पूत्र कार्तिकेय स्वामी बालाजी भगवान के सबसे बडे एवं नित्य सेवक है. विविध ग्रंथ, संदर्भ और पुराणों का उल्लेख कर औरंगाबाद से पधारे विजय जी पल्लोड ने बडे रोचक अंदाज में उपस्थितों को भगवान बालाजी की कथा, उनका लक्ष्मी जी से विवाह, पद्मावति से परिणय आदि का वर्णन किया. श्रोताओं में अधिकांश को भगवान बालाजी की अनेक ख्यातियों के बारे में कदाचित पहली बार ज्ञात हुआ, इस तरह का सारगर्मित वर्णन पल्लोड जी ने किया.
* मान्यवरों की उपस्थिति
इस समय सर्वश्री रमण दायमा, आनंद सिकची, महेश डोबा, श्रीनिवास आसोपा, ललित व्यास, हुक्मीचंद खंडेलवाल, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, मनीष जिरापुरे, प्रकाश आसोपा, गोपाल डोबा, लक्ष्मीकांत आसोपा, चेतन चव्हाण, बप्पी घोरई, गोपाल रिनवा, ओम नाकोड, दर्शन नाकोड, विजय अनासाने, रामकुमार डोबा, दीपक श्रीवास, अक्षय भेडा, भाविक खडसे, आनंद व्यास, पे्रम डोबा, सुरेश आसोपा, मोहन उमरकर, शुभम शेगोकार, नीलेश तिवारी, एड. ब्रजेश तिवारी, अक्षय डोबा, राकांपा नेत्री सुरेखा ठाकरे, नवल तिवारी, नीरज तिवारी, नंदलाल सारडा, श्यामसुंदर खंडेलवाल आदि अनेक की उपस्थिति रही.
* तिरुपति साकार करने का प्रयास
गजानन महाराज संस्था पिछले अनेक वर्षों से इस स्थान पर प्रगट दिन का पूरे सप्ताह का शानदार आयोजन करती आयी है. इस बार तिरुपति बालाजी भगवान के अत्यंत सुंदर दर्शन और प्रति तिरुपति साकार करने का प्रयास युवा गजानन भक्तों ने बडे ही चाव से किया है. वहां पहुंचने वाले दर्शनार्थियों को तिरुपति आने का आभास हो, इसके लिए खास तिरुपति से न केवल पुरोहित संघ और वाद्य वृंद को आमंत्रित किया गया है. अपितु पूजा-अर्चना का अंदाज भी वैसा ही होने से भाविक अभिभूत हो रहे हैं. विशेष रुप से तिरुपति से पधारे श्रीनाथ, व्यंकटेश, चरण, शिवा जब वाद्य वृंद पर गोविंदा की धुन बजाते हैं, तो देखने-सुनने वाले मुग्ध हो जाते हैं. संपूर्ण क्षेत्र गोविंदा की जय-जयकार से गूंज रहा है. दोपहर के सत्र में मुंबई से पधारे नरेश जी राज्यगुरु के मुखारविंद से अत्यंत सुंदर, सरस भागवत कथा का विवेचन हो रहा है. जिसका सैकडों स्त्री-पुरुष श्रद्धालु आनंद ले रहे हैं.

 

 

 

 

 

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