अन्य

अचलपुर तहसील में संतरा बागों को बढते तापमान का फटका

संतरा गलन से करोडो रुपए का नुकसान

  • संतरा उत्पादक किसान परेशान

अचलपुर/दि.22 – तहसील में संतरा उत्पादक किसानों ने पिछले साल मृग बहार में 90 लाख रुपए का संतरा व्यापारिेयों को बेचा था. किंतु अचानक मौसम बदलने से बढते तापमान के चलते बडे प्रमाण में संतरा गलकर जमीन पर टपक रहा हैं. मल्हारा के सधन किसान संतरा उत्पादक सुरेश जाधव व पुरुषोत्तम जाधव सहित अनेको किसानों की यही अवस्था हैं. पिछले पांच-छह दिनों से अचानक तापमान बढने से फुलोरा गल रहा है. जिसमें बेर के आकार के संतरे जमीन पर टपक रहे है जिससे संतरा उत्पादक किसान परेशान हैं.
अचलपुर तहसील में 54 हजार 760 हेक्टर जमीन हैं. लगभग 40 हजार खातेधारक किसान है. जिसमें से साढे ग्यारह हजार हेक्टर जमीन पर 10 हजार से अधिक संतरा उत्पादक किसान संतरा फसल का उत्पादन लेते हैं, और करोडो रुपए का व्यापार तहसील में होता हैं. अन्य राज्यों व विदेशों में भी यहां से संतरा भिजवाया जाता हैं. मृग के पश्चात अब अंबिया बहार भी हाथों से जाने का भय किसानों को सता रहा हैं. बढते तापमान के चलते संतरा जमीन पर टपक रहा हैं. जिसमें संतरा उत्पादक किसाना राहुल यादव, संजय यादव ने भी अपनी व्यथा सुनायी.

बढते तापमान का असर

पिछले कुछ दिनों से अचानक तापमान बढने की वजह से संतरा गलना शुरु हुआ. जिसका फटका संतरा उत्पादक किसानों पर बैठा हैं और संतरा उत्पादक किसान परेशान हैं.
– राजेंद्र गोरले,
संतरा उत्पादक किसान तथा व्यापारी एकलासपुर

कहां है फसल बीमा?

संतरा उत्पादकों के लिए बीमा निकाला गया फिर भी उसका अनुदान अचलपुर तहसील के किसानों को नहीं मिल पाया. फसल बीमा कहां है? ऐसे सवाल संतप्त संतरा उत्पादकों व किसानों व्दारा उपस्थित किया जा रहा हैं.

सालेपुर से हरम तक एक जैसी स्थिति

बढते तापमान की वजह से पारा 40 सेल्सियस तक पहुंच चुका हैं. अचलपुर तहसील के सालेपुर, पांढरी, मल्हारा, बेलखेडा, म्हसोना, गौरखेडा कुंभी, वझ्झर, धामणगांव गढी, एकलासपुर, धोतरखेडा, हनवखेडा, देवगांव वडगांव फत्तेपुर, दर्याबाद, परसापुर, हरम, टवलार, खांजमानगर, नायगांव बोर्डी, शिंदी, टवलार में भी एक जैसी स्थिति हैं.

गलन कम करने यह उपाय करें

बढते तापमान की वजह से पेडों से संतरा गलकर जमीन पर गिर रहा हैं. संतरे की गलन रोकने के लिए 5 सेंटीमीटर घास का थर बिछाए जिससे संतरा बागों में ठंडक रहेगी और गलन कम होगी ऐसा सहायक प्राध्यापक कृषि संशोधन केंद्र अचलपुर के डॉ. राजेश वानखडे ने किसानों से कहा.

Related Articles

Back to top button