अति आत्म विश्वास ले डूबा, राममंदिर ‘ कैश’ करने में विफल
परिवार के संगठना की भावना, चिंतन की आवश्यकता
नागपुर/दि. 5– लोकसभा चुनाव में भाजपा को समाधानकारक जीत न मिलने और सीटें कम मिलने के कारण संपूर्ण देश में तरह- तरह की चर्चा शुरू हो गई है. इस पृष्ठभूमि पर संघ परिवार के संगठनाओं ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा को अति आत्म विश्वास ले डूबा. साथ ही राम मंदिर का मुद्दा वोटों में परिवर्तित करने में पार्टी को विफलता मिली. ‘अब की बार 400 पार ’ के नारे चुनावी रन संग्राम में निर्माण हुआ संविधान बदलाव का डर कारणीभूत रहा.
इस बार के लोकसभा चुनाव ‘मोदी की गारंटी’ और ‘अब की बार 400 बार ’ इन दो नारों से काफी गूंजी. सत्तारूढ दल ने 400 पार का नारा देते हुए कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काफी प्रयास किया. वहीं विरोधियों ने संविधान बदलने के लिए 400 पार का नारा रहने की बात कर ‘संविधान बचाओं’ अभियान जोरशोर से चलाया. इन नारों के चलते अयोध्या में हुआ राममंदिर, धारा 370 रद्द करना आदि मुद्दों पर भाजपा शानदार जीत हासिल करेगी, ऐसी अपेक्षा थी. लेकिन प्रत्यक्ष में सीटों में काफी कमी हुई. इस पर संघ परिवार की संगठना ने अपनी भावना व्यक्त की है. अयोध्या के राम मंदिर का सपना साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले विश्व हिन्दू परिषद के महाराष्ट्र- गोवा क्षेत्र के मंत्री गोविंद शेंडे ने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में अपेक्षा के मुताबिक जीत नहीं मिली. राम मंदिर का मुद्दा यह हिन्दुत्व का मुद्दा है. वह वोट में परिवर्तित नहीं हुआ. साथ ही अति आत्मविश्वास भी ले डूबा. भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रवींद्र हिम्मते ने कहा कि भाजपा की सीटे कम होने के पीछे विविध कारणों में से एक 400 पार का नारा है. 400 पार हुए तो सचमुच संविधान बदलेगा क्या, ऐसा विचार आम लोगों के दिल में आने लगा था. अनेक स्थानों पर स्थानीय उम्मीदवारों को वोट देकर भी 400 पार हुआ तो संविधान बदलेगा, ऐसी भावना व्यक्त हुई और यही डर परिणामकारक साबित हुआ. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री पायल किनाके ने कहा कि कम हुई सीटों को लेकर भाजपा विश्लेषण जरूर करेगी. आखिर में जनता सबसे बडी लीडर है. जनता ने हमें पसंद किया है. उनका स्वागत करना चाहिए.
* समन्वय का नहीं हुआ फायदा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस बार शत प्रतिशत मतदान होने की भावना व्यक्त की थी. ‘शत प्रतिशत मतदान, राष्ट्र के हित में मतदान’ ऐसा वॉट्सएप स्टेटस, डीपी स्वयंसेवकों ने रखी थी. परिवार के संगठना में चुनाव के दौरान समन्वय दिखाई दिया. लेकिन फिर भी प्रत्यक्ष में भाजपा को इसका फायदा हुआ नहीं दिखाई दिया. इस कारण गलती कहा हुई यह प्रश्न अभी भी अनुत्तरीत है.