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निर्वाचन आयोग के निर्णय पर पटोले व देशमुख ने उठाई आपत्ति

केंद्र सरकार के फैसले को घोषित करने का लगाया आरोप

नागपुर/दि.7– निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और घडी चुनाव चिन्ह उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्ववाले गुट को देने का निर्णय घोषित किया है. इस फैसले पर शरद पवार गुट के नेताओं सहित कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपनी तीव्र नाराजगी जतायी है. इस मसले को लेकर कांगे्रस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व घडी का चुनाव चुन्ह अजित पवार गुट को देने का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिखकर दिया गया लगता है. जिसकी निर्वाचन आयोग ने केवल घोषणा की है. पटोले ने याद दिलाया है कि, कुछ माह पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देश में किसी भी प्रादेशिक पार्टी को अस्तित्व में नहीं रहने देने की बात कही थी. जिसके उपरान्त केंद्रीय जांच एजेंसी व निर्वाचन आयोग द्वारा मोदी सरकार के आदेश पर प्रादेशिक दलों को खत्म करने की शुरुआत किये जाने की बात नाना पटोले द्वारा कही गई. जिसे लेकर पटोले का कहना रहा कि, जो कुछ इससे पहले शिवसेना के साथ हुआ, वहीं अब राकांपा के भी साथ हो रहा है तथा आगे चलकर लगभग ऐसा ही सभी प्रादेशिक दलों के साथ होगा.

वहीं राकांपा नेता व पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि, मोदी सरकार व निर्वाचन आयोग द्वारा केवल विपक्षी दलों को ही नहीं, बल्कि इस देश में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. निर्वाचन आयोग ने शरद पवार द्वारा स्थपित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व उनका घडी चुनाव चिन्ह अजित पवार गुट को दे दिया है. जबकि इस राजनीतिक दल की स्थापना शरद पवार ने की थी और इतने दिनों तक शरद पवार ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे. इन सभी बातों की निर्वाचन आयोग द्वारा अनदेखी की गई है. कुछ ऐसा ही निर्णय शिवसेना के मामले में भी आया था. जिसका सीधा मतलब है कि, भाजपा के विरोध में रहने वाले प्रादेशिक दलों को धीरे-धीरे खत्म किये जाने का काम किया जा रहा है.

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