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कारागृह के कैदियों को समुपदेशन की आवश्यकता

उप अधीक्षक प्रदीप इंगले का प्रतिपादन

अमरावती/दि.19– मानसिक उपचार करना समय की आवश्यकता है. आगामी भविष्य को ध्यान में रखते हुए संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के आजीवन अध्ययन और विस्तार विभाग द्बारा शुरू किए गये एम. ए. समुपदेशन व मानसिक उपचार अभ्यासक्रम मील का पत्थर साबित होगा. इसमें कोई शंका नहीं. समाज के सभी अंतिम घटकों को इसका फायदा निश्चित रूप में होगा. ऐसा प्रतिपादन केन्द्रीय कारागृह उप अधीक्षक प्रदीप इंगले ने व्यक्त किया. वे संत गाडगेबाबा विद्यापीठ के एम.ए. समुपदेशन व मानसिक रोग उपचार पाठयक्रम में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों की कारागृह भेंट के दौरान बोल रहे थे. इस अवसर पर 60 विद्यार्थी उपस्थित थे.

इन सभी विद्यार्थियों को कारागृह का कामकाज कैसे चलता है. कारागृह का ब्रीदवाक्य क्या है, कैदियो का समुपदेशन, कैदियों को दिया जानेवाली सुविधाओं का टाइमटेबल किस तरह निर्धारित किया जाता है. समुपदेशन से कैदियों को होनेवाला लाभ इन विषय को लेकर कारागृह उप अधीेक्षक प्रदीप इंगले, कारागृह शिक्षक ललित मुले, वरिष्ठ अधिकारी शामराव गीते ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन किया. वही विद्यार्थियों ने कैदियों को दी जानेवाली सुविधा जैसे मेडिकल, ग्रंथालय, रेडियो, शिक्षा संबंधी पुस्तके आदि संबंध में जानकारी ली. कारागृह में कैदियों की बढती संख्या को देखकर समाज में कैसे जनजागृति की जायेगी व समुपदेशक की भूमिका क्या रहेगी. इस विषय में भी चर्चा की गई. विभाग के संचालक डॉ. श्रीकांत पाटील के मार्गदर्शन में इस भेंट का नियोजन किया गया. प्रा. अर्चना ढोले, प्रा. सुरेश रहाटे ने इसके लिए प्रयास किया. विद्यार्थियों के संदेह का निराकरण किया तथा उन्हें पौधे प्रदान कर उनका स्वागत किया गया.

 

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