* अचलपुर ‘एआर’ को मिली थी शिकायत
अमरावती/दि.29– विदर्भ का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा में इन दिनों अवैध साहूकारी काफी हद तक बढ गई है और इस व्यवसाय में कई महिलाओं का भी समावेश है. जो ब्याज बट्टे का जमकर काम कर रही है. ऐसे ही चिखलदरा में देवी प्वॉईंट के निकट रहने वाली और निजी साहूकारी का व्यवसाय करने वाली एक महिला के घर पर मंगलवार की सुबह सहकार विभाग के पथक ने छापा मारा तथा उस महिला के घर से अवैध साहूकारी को लेकर कई दस्तावेज जब्त किये.
जानकारी के मुताबिक चिखलदरा में रहने वाल वनमाला गजानन इंगले नामक महिला द्वारा अवैध साहूकारी का व्यवसाय किया जाता है. ऐसी शिकायत अचलपुर के सहायक निबंधक को प्राप्त हुई थी. जिसे लेकर की गई पडताल में कुछ तथ्य भी पाये गये थे. जिसके चलते जिला उपनिबंधक शंकर कुंभार के निर्देशानुसार अंजनगांव सुर्जी के एआर राजेश यादव के नेतृत्व में एक पथक गठित किया गया और इस पथक ने मंगलवार की सुबह चिखलदरा में रहने वाली वनमाला इंगले नामक महिला के घर पर छापा मारा. जहां से 18 से अधिक अलग-अलग बैंकों के कोरे धनादेश, कुछ स्टैम्प पेपर एवं रजिस्टर सहित कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले. इन सभी दस्तावेजों को सील लगाते हुए जब्त करने के साथ ही अगली जांच के लिए अचलपुर एआर की ओर वर्ग कर दिया गया.
इस पथक ने धारणी व अचलपुर एआर कार्यालय के नीलेश सपकाल सुमंत अरबट, रुपाली दहातोंडे, निर्मला दहीकर व मोहन वानखडे आदि का समावेश था.
* चिखलदरा तहसील में एक भी लाईसेंसी साहूकार नहीं
पेसा कानून के चलते चिखलदरा तहसील में एक भी लाईसेंस धारक साहूकार नहीं है, बल्कि मेलघाट में केवल धारणी शहर में 16 लाईसेंस धारक साहूकार है. इसक अलावा धारणी तहसील के अन्य किसी गांव में कोई लाईसेंस धारक साहूकार नहीं है. जिसकी वजह से चिखलदरा तहसील सहित मेलघाट के ग्रामीण क्षेत्र में अवैध साहूकारी का व्यवसाय जमकर फल-फूल रहा है.
* अन्यथा दर्ज होगी एफआईआर
इस कार्रवाई में जब्त दस्तावेजों की अचलपुर के सहायक निबंधक द्वारा पडताल की जाएगी. जिसके बाद निजी सहूकारी करने वाली महिला को मौखिक अथवा लिखित तौर पर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. यदि संबंधित महिला का स्पष्टीकरण समाधानकारक नहीं पाया गया, तो उसके खिलाफ साहूकारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी, ऐसी जानकारी सहकार अधिकारी सुधीर मानकर द्वारा दी गई है.
* सहकार विभाग के पास करें शिकायत
अवैध साहूकारी के संदर्भ में नागरिकों द्वारा निसंकोच तरीके से सहकार विभाग के पास सबूतों सहित शिकायत की जानी चाहिए, ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाता है तथा संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.
– शंकर कुंभार,
विभागीय सहनिबंधक (सहकार)