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राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ‘हीरो’ नहीं ‘विश्वसंत’

विलियम हैरिस के कथन

* मीडिया प्रतिनिधियों को दिया ‘ईश्वर के समान ’ सम्मान
अमरावती/दि.29– राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने अपने भजनों के माध्यम से सभी को मानवता का पाठ पढाया है. उन्होंने समाज को हम सब एक हैं, यह विचार दिया है. ऐसे राष्ट्रसंत मेरे लिए गुरू समान हैं. मैं दिल में उन्हें गुरू मानता हूूूं. इसलिए उनके हर कार्यक्रम में अपने दोस्तों के साथ उपस्थिति दर्ज कर उन्हें राष्ट्रसंत के विचारों से प्रेरित करता हूं. मेरा मानना है कि वह समाज के ‘हीरो’ नहीं बल्कि ‘विश्वसंत’ हैं. यह बातें यूएसए से पधारे विलियम हैरिस ने कहीं.

स्थानीय होटल ग्रैड महफिल इन में रविवार को प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. दोपहर 3.30 बजे आयोजित प्रेसवार्ता में विलियम हैरिस के साथ उनके यूरोप , कैनडा, यूएसए से पधारे दोस्त सेरजियो, क्रिस्टल , कोरिना, नाईया, निकाल, मार्क, जेफरी, डॉ. टीना के साथ शुभम नागपुरे और उनकी टीम आदि की उपस्थिति रही.

विलियम हैरिस ने कहा कि, यावली में आगामी 30 अप्रैल को ग्राम जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचारों पर मंथन चिंतन करने भारत में फिर एक बार पधारे हैं. यहां की संस्कृति, सभ्यता और संतों के विचार हमें बार- बार प्रेरित करते हैं. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचारों में आध्यात्म के साथ विज्ञान छिपा हुआ है. जिसके कारण मैं और मेरे दोस्त राष्ट्रसंत के विचारों की विरासत को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं. भारत आनेवाले समय में महाशक्ति बनेगा. यह राष्ट्रसंत की ग्राम गीता में पढने को मिलता है. लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि,उसके लिए पहले हमें पहले ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाना जरूरी है. जब गांव की ओर ध्यान देंगे तो ही शहर, जिला, राज्य व देश का विकास संभव होगा. इसलिए हम यह विचार लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बने हैं. एक सवाल के जवाब में विलियम ने कहा कि मैंने अब तक बच्चों को राष्ट्रसंत के विचारों की शिक्षा देने का कार्य शुरू नहीं किया हैं. लेकिन आनेवाले समय में हम यह कार्य अवश्य करेंगे. वर्तमान में हम बच्चों को उनके विचारों से प्रेरित कर रहे हैं.

भारत को अपना दूसरा घर कहते हुए विलियम ने कहा कि, मानवता के साथ हम सब एक हैं, इस विचार से मैं प्रभावित हुआ था. मैं केवल राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का नहीं छत्रपति शिवाजी महाराज को भी काफी हद तक पढ चुका हूं. इसलिए उनका त्याग, बलिदान, सभी को साथ लेकर चलने की कला यह सभी गुण राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचारों से मेल खाते हैं. इसलिए हम हर बार भारत आकर उनके विचारों को नजदीक से जानने का प्रयास करते हैं. उनके अन्य दोस्त ने कहा कि, वर्तमान में वे सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्रसंत के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. ताकि गांव समृध्द बने और किसान सुखी हो सके. हमें यहां आने तक आश्रम में जाने के बाद एक अलग उर्जा की अनुभूति होती है. यही कारण है कि उनके विचार इतिहास का निर्माण करते हैं. यह कहते हुए मार्क से पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के जीवन पर हॉलीवुड में फिल्म बनाने के लिए हम प्रयास करेंगे.

प्रेसवार्ता में पैरों में बिना जूते पहने आए विलियम हैरिस से इस संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं मीडिया के प्रतिनिधि से बातचीत करने आ रहा हूं. इस बात का मुझे एहसास था.मेरे लिए सभी मीडिया प्रतिनिधि ईश्वर के समान है. उनके समक्ष शूज पहनकर आना अनुचित होता है. इसलिए मैं बिना शूज के आया हूं.

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