अकोला/दि.28– शासकीय मेडिकल कॉलेज तथा सर्वोपचार अस्पताल में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में प्रवेशित 40 से अधिक विद्यार्थियों की 2014 में रातभर रैगिंग की गई थी. इस मामले में प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी एन.डी.जाधव के न्यायालय ने रैगिंग करने वाले 9 प्रशिक्षणार्थी डॉक्टरों को ठोस सबूत नहीं मिलने से निर्दोष करार दिया. यह फैसला न्यायालय ने शुक्रवार को सुनाया. शासकीय वैद्यकिय महाविद्यालय में 31 जनवरी 2014 को एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत 40 से अधिक छात्रों की रैगींग की गई थी.
इस प्रकरण में सिटी कोतवाली पुलिस ने रैगिंग लेनेवाले यश ओमप्रकाश भुतडा, शुभम शांतिलाल मालविया, डॉ.निखिल दिलीप पिसे, डॉ.हेमंत रमेश घाटोले, डॉ.मिलींद अशोक देशमुख, डॉ.शुभम यशवंत बनकर, डॉ.धनंजय मांगटे, डॉ.किरण महादेव पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद सहायक पुलिस निरीक्षक ए.डोईफोडे ने जांच कर दोषारोपपत्र कोर्ट में दायर किया. प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी एन.डी. जाधव के न्यायालय ने ठोस सबूत के अभाव में डॉक्टरों को निर्दोष साबित किया. इस मामले में 9 डॉक्टरों की तरफ से एड. प्रवीण कडाले ने कामकाज देखा.