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‘महाराष्ट्र में स्थिति पश्चिम बंगाल जैसी, राज्य में हिंदू धर्म खतरे में’

गणेश उत्सव पर प्रतिबंध के बाद भाजपा विधायक नितेश राणे का ठाकरे सरकार पर निशाना

मुंबई /दि.८- लगातार दूसरे साल, महाराष्ट्र सरकार ने COVID-19 महामारी के कारण गणेश चतुर्थी के उत्सव पर प्रतिबंध जारी किया है. हालांकि इस निर्णय का विपक्षी दल बीजेपी ने स्वागत नहीं किया है. भाजपा ने इस निर्णय की आलोचना की है. भारतीय जनता पार्टी के नेता नितेश राणे ने रविवार को गणेश उत्सव के लिए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुंबई में स्थिति पश्चिम बंगाल के समान है, जहां दुर्गा पूजा समारोह प्रतिबंधित थे. उन्होंने कहा, “गणेश उत्सव मंडलों के लिए नए नियमों के अनुसार त्योहार मनाना मुश्किल है. हमने राज्यपाल के साथ मुलाकात करके अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है.” उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में हिंदू धर्म खतरे में है. उन्होंने कहा, “हमने राज्यपाल से अपने त्योहार की रक्षा करने के लिए कहा, नहीं तो ठाकरे सरकार धीरे-धीरे उत्सव समारोह को समाप्त कर देगी.” दिशानिर्देशों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने 10 सितंबर से शुरू होने वाले आगामी 10 दिवसीय गणेशोत्सव के लिए भगवान गणेश की विशाल मूर्तियों और मेगा सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. सरकार ने एक विस्तृत अधिसूचना जारी की है जिसमें सार्वजनिक बाजारों में मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट तक और घरेलू पूजा में मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट तक सीमित है. सरकार ने 10 दिनों के दौरान भीड़ के बिना और सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए सरल, अनाकर्षक समारोहों का भी आग्रह किया है. गणेश उत्सव राज्य का सबसे बड़ा त्योहार है.

नहीं निकाला जाएगा जुलूस

गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि 10 सितंबर को उत्सव की शुरुआत के लिए या 19 सितंबर को अंतिम विदाई तक समारोहों के लिए किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी. राज्य सरकार ने सार्वजनिक ‘मंडलों’ को ऑनलाइन ‘दर्शन’ पर स्विच करने या स्थानीय केबल टेलीविजन नेटवर्क, वेबसाइटों या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से समारोहों को लाइव टेलीकास्ट करने को कहा है.

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