अमरावती/दि.27- कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन के चलते विगत दो वर्षों से शादी-ब्याह की कोई धामधूम नहीं थी, लेकिन अब लॉकडाउन एवं प्रतिबंधात्मक नियमों को पूरी तरह हटा दिये जाने के चलते धूमधडाके के साथ विवाह समारोहों के आयोजन का दौर शुरू हो गया और बारात ले जाने के लिए एसटी बसों के साथ प्रासंगिक करार करने के लिए भी पूछताछ हो रही है, लेकिन निजी ट्रैवल्स की तुलना में एसटी बसों का बुकींग किराया अधिक रहने के चलते लोगबाग बारात ले जाने के लिए निजी लक्जरी बसों की ओर की बुकींग करना पसंद कर रहे है.
बता दें कि, सुरक्षित यात्रा को ध्यान में रखते हुए सर्वसामान्य लोगबाग नियमित यात्रा के साथ-साथ धार्मिक व शैक्षणिक सहल एवं विवाह समारोह के लिए भी एसटी बस को बुक करना अधिक पसंद करते है, लेकिन लगातार बढती महंगाई और इंधन दरवृध्दि की वजह से एसटी की यात्रा भी काफी हद तक महंगी हो गई है. वहीं बारात के लिए निजी ट्रैवल्स बसों की दरें एसटी बसों की तुलना में थोडी कम है. साथ ही एसी बसों की दरों में भी काफी फर्क है. ऐसे में लोगबाग एसटी बसों की बजाय बारात के लिए निजी लक्जरी बसों को बुक करना ज्यादा पसंद करते है.
* कितनी है एसटी की दरें
शादी-ब्याह की बारात के लिए साधी लालपरी एसटी बस की दरें 55 रूपये प्रति किमी होती है. एसटी द्वारा 12 घंटे की अवधि के लिए न्यूनतम 200 किमी और 24 घंटे के लिए न्यूनतम 300 किमी के हिसाब से किराया लिया जाता है.
* शिवशाही की दरें
रापनि द्वारा चलाई जानेवाली वातानुकूलित शिवशाही बसें भी प्रासंगिक करार के तहत बारात ले जाने हेतु उपलब्ध करायी जाती है. जिनकी अच्छी-खासी मांग भी होती है. इन बसों का किराया 72 रूपये प्रति किमी होता है. साथ ही 12 घंटे की अवधि के लिए न्यूनतम 200 किमी व 24 घंटे की अवधि के लिए न्यूतनम 300 किमी की दूरी को ग्राह्य मानते हुए रापनि द्वारा किराया वसूल किया जाता है.
* साधी एसटी से निजी एसी बसों का किराया सस्ता
– निजी लक्जरी बसों में 17 सीटर के लिए 22 रूपये तथा 32 सीटर के लिए 40 रूपये प्रति किमी का किराया लिया जाता है. इसमें एसी चलाने पर 4 से 5 रूपये प्रति किमी का अतिरिक्त किराया होता है.
– ज्यादातर निजी ट्रैवल्स बसों में एसी की व्यवस्था रहती ही है और लोगबाग गर्मी के मौसम में एसी चलाना पसंद भी करते है. इसके बावजूद इन बसों का किराया सरकारी सेवा रहनेवाली एसटी बसों की तुलना में कम है.
* एसटी का किराया अधिक क्यो?
जिले में 17 सीटर से लेकर 52 सीटर तक निजी ट्रैवल्स बसें है. जिनमें से अधिकांश में एसी की सुविधा उपलब्ध है और इन्हें बुक करने की दरें एसटी की तुलना में कम भी है. ऐसे में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जाता है कि, जब निजी ट्रैवल्स बसें एसी की सुविधा के साथ कम दरों पर उपलब्ध हो रही है, तो साधी एसटी बसों का किराया इससे अधिक क्यो है.
* एसटी की प्रासंगिक आय घटी
विगत दो वर्षों के दौरान जहां एक ओर कोविड संक्रमण के चलते एसटी का कामकाज पूरी तरह से ठप्प रहा, वहीं इसके बाद रापनि कर्मचारियों द्वारा की गई हडताल से भी एसटी का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ. वहीं अब डीजल दरवृध्दि की समस्या से जूझ रही एसटी को प्रासंगिक करार से होनेवाली आय भी घट गई है. जिसकी वजह से रापनि को अच्छाखासा नुकसान सहन करना पड रहा है.
धार्मिक व शैक्षणिक यात्रा तथा बारात जैसे कार्यों के लिए एसटी की मांग अब भी काफी अधिक है और प्रासंगिक करार पर एसटी बसें बडी संख्या में बुक हो रही है. हालांकि सरकार ने कुछ प्रमाण में विशेष बस सेवा की दरें बढा दी है.
– श्रीकांत गभने
विभाग नियंत्रक, रापनि