अमरावती/दि.02– अमरावती मनपा में नये कर को जोडते समय अनेक प्रक्रियात्मक गल्तियां करने के कारण कर विषयक रहने से कायदे, नियम व सिध्दांत का उल्लंघन किया गया है. यह बात शासन व उच्च न्यायालय के सामने लाना जरुरी है. जिसके कारण जल्द ही उच्च न्यायालय में इस बाबत जनहित याचिका दाखिल की जाएगी. इस बात की जानकारी उबाठा शिवसेना जिला प्रमुख सुनिल खराटे ने कहीं. इस आकरण कर को रद्द होने की आशा उन्होनें जताई, साथ ही नागरिकों से बढे हुए नए कर न भरने का आवाहन भी खराटे ने एक प्रेस विज्ञप्ति व्दारा किया.
अमरावती महानगरपालिका व्दारा शासन की कर वसूली सर्वेक्षण के विषय में अधिकतम प्रति घर 223 रुपयों की मर्यादा रहते हुए भी एक विशिष्ट कंपनी को कर वसूली का ठेका लगभग 750 रुपये प्रति घर के लिए सर्वेक्षण की दर देने का आरोप शिवसेना जिला प्रमुख सुनिल खराटे ने किया है. अमरावती मनपा क्षेत्र के घर टैक्स पर नये टैक्स लगाते हुए पुरानी इमारत में बदलाव नहीं व पूर्व के रहने वाले कर की बजाए डबल से ज्यादा कर बढा कर नही देने की कानूनी कार्रवाई स्पष्ट नियोजन रहने का उन्हें पालन नहीं किया. मनपा व्दारा इस कंपनी के मार्फत किए गए सर्वेक्षण में पुराने इमारत के विषय में पूर्व के डाटा का इस्तेमाल न करते हुए पूर्व के ही सभी इमारत को एक तो बढे हुए बांधकाम दिखाया गया है या नये इमारत दिखाकर नये दर के अनुसार कर योग्य मूल्य स्वीकार कर शहर में पुरानी संपत्तियों को लगभग पांच पट टैक्स लिए जा रहे है. ऐसा दावा सुनिल खराटे ने किया है. मनपा के टैक्स वृध्दी के विरोध में उच्च न्यायाल में जनहित याचिका दाखिल करने की बात सुनिल खराटे ने कही.
हिंगणघाट व अकोला में कर वसुली रद्द
अकोला मनपा व्दारा 2018 में व हिंगणघाट नगरपालिका की ओर से 2014 में कर वसूली का काम एक निजी संस्था ने किया था. इस संदर्भ में उच्च न्यायालय नागपूर खंडपीठ ने संबंधित कर वसूली पूरी तरह रद्द कर इसके पूर्व रहने वाले कर वसूली के अनुसार कर वसूली करने के आदेश दिए गए.
प्रावधान न रहने पर भी कर वसूली
अमरावती मनपा के नागरिकों को दिए गए कर पावती में कानूनन प्रावधान न होने पर शिक्षण कर व महानगरपालिका व्दारा कभी न किए जाने वाले मालशुध्दी करण जैसे कामों के भी कर लगाकर भेंजे जा रहे है.ऐसा जानकारी सुनिल खराटे ने दी.