अमरावती/दि.26 – मेलघाट में कुपोषण के लिए पोषणयुक्त आहार का अभाव सबसे प्रमुख वजह है. साथ ही साथ मेलघाट की आदिवासी महिलाओं में रहने वाली तंबाखु और दारु की आदत भी इसके लिए कारणभुत साबित हो रही है. जानकारी के मुताबिक मेलघाट में करीब 40 फीसद आदिवासी महिलाएं तंबाखु का सेवन करती है. जिसके चलते कुपोषण को रोकने हेतु सरकारी स्तर पर संशोधन करते हुए महिलाओं को तंबाखु से परावृत्त करने की सख्त जरुरत है, ऐसा स्वास्थ् विशेषज्ञों का मानना है.
उल्लेखनीय है कि, आजादी के 75 वर्ष बाद भी मेलघाट में कुपोषण की समस्या उतनी ही ज्वलंत है. यहां पर कुपोषण निर्मुलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की सहायता से सरकार स्तर पर कई उपाय योजनाएं चलाई जाती है. परंतु कुपोषण का प्रमाण घटने में अपेक्षित सहायता नहीं मिली है. धारणी स्थित उपजिला अस्पताल के एनआरसी विभाग में कुपोषित बच्चों पर इलाज किया जाता है. इस दौरान यह जानकारी सामने आयी कि, इन कुपोषित बच्चों की माताओं द्बारा तंबाखु का सेवन किया जाता है. गर्भधारणा के दौरान महिला द्बारा तंबाखु का सेवन किए जाने के चलते गर्भ में रहने वाले बच्चे पर भी उसका विपरित परिणाम पडता है. जिसके चलते सरकारी स्तर पर इस संदर्भ में विशेष प्रयास करते हुए महिलाओं को तंबाखु के सेवन से परावृत्त किए जाने की सख्त जरुरत है.
* एनआरसी में 230 बच्चे भर्ती
धारणी उपजिला अस्पताल के पोषण पुनर्वसन केंद्र यानि एनआरसी में वर्ष 2022-23 के दौरान 230 कुपोषित बच्चे भर्ती कराए गए थे. यहां पर कुपोषित बच्चों और उनकी माताओं को करीब 15 दिनों तक रखा जाता है. साथ ही महिलाओं को उनकी डुबने वाली मजदूरी के तौर पर 300 रुपए रोजाना के हिसाब से 4 हजार 200 रुपए भी दिए जाते है. ऐसी जानकारी आहार विशेषज्ञ प्रणाली इंगले द्बारा दी गई.
* तंबाखु के जहरीले तत्व मां से मिलते है बच्चे को
यदि किसी भी गर्भवती महिला द्बारा तंबाखु का सेवन किया जाता है, तो उसकी वजह से तंबाखु में रहने वाले 3 हजार विषैले तत्व रक्त के जरिए गर्भस्त शिशु के शरीर तक पहुंचते है. साथ ही प्रसूति पश्चात किए जाने वाले तंबाखु के सेवन की वजह से तंबाखु के जहरीले घटक दूध के जरिए बच्चे के शरीर में जाते है. जिसका बच्चे के स्वास्थ्य पर काफी विपरित परिणाम होता है.
* धारणी उपजिला अस्पताल के एनआरसी विभाग में भर्ती होने वाली महिलाओं मेें से अधिकांश महिलाओं द्बारा तंबाखु का सेवन किए जाने की बात सामने आयी है. जिसके चलते इस क्षेत्र के बच्चों में पाए जाने वाले कुपोषण के लिए तंबाखु के कारणभुत रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
– डॉ. अविनाश गव्हाले,
दंत शल्यचिकित्सक