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दक्षिण भारतीय राज्यों से 55-60 सीटें जीतने का लक्ष्य

कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में चौंकाने की तैयारी

* भाजपा का मिशन साउथ क्या हो सकता है?
नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 370 सीट जीतने की घोषणा के बाद भाजपा लोकसभा की एक-एक सीट जीतने की योजना तैयार कर रही है. इस योजना के अनेक पहलू हैं. इसमें जीतने वाले उमीदवार को लोकसभा का टिकट दिया जाएगा. आगामी सप्ताह आने वाली भाजपा की सूची में भी 100 से अधिक सांसदों का टिकट कटने की अटकलें लगाई जा रही हैं. इसके अलावा जिन सीटों पर भाजपा कमजोर है, उन पर करिश्माई उमीदवार उतारे जाएंगे. इस सूची में कंगना रानौत, युवराज सिंह और अक्षय कुमार जैसे स्टार के नाम पर भी चर्चा हो रही है. साथ ही गठबंधन के सहयोगियों के साथ जीत की गारंटी वाली सीट लेने और जिन सीटों पर विजयी उमीदवार नहीं हैं. उसकी भरपाई दूसरे दलों से आने वाले टिकाऊ नेता को उमीदवारी दी जाए. भाजपा यह अंतिम फॉर्मूला दक्षिण भारतीय राज्यों में आजमा रही है. भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में दक्षिण भारतीय राज्यों से 55-60 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. तमिलनाडु और तेलंगाना में पार्टी यही फॉर्मूला आजमा रही है.
दक्षिण भारत में 132 लोकसभा सीटें हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल 29 सीटें मिली थीं. कर्नाटक में भाजपा को 25 और तेलंगाना में चार सीटें मिली थीं. तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, पुडुचेरी में पार्टी का खाता नहीं खुला था. पिछले आम चुनाव में भाजपा का निजी स्कोर 303 रहा था. 370 के आंकड़े को हासिल करने के लिए पार्टी के लिए दक्षिण भारत के पांच राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेश में लंबी छलांग लगानी होगी. दक्षिण भारत में पार्टी ने दक्षिण में 84 सीटों को चिह्नित किया है, जहां भाजपा हमेशा से कमजोर रही है. खुद भाजपा नेता मानते हैं कि 2024 के चुनाव में पार्टी को कर्नाटक की 25 सीटों के अलावा 30 नई सीटें जीतनी होंगी. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी और फरवरी के बीच दक्षिण भारत में 11 दिन गुजारे हैं.

 

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