
अमरावती /दि 8– जिला अस्पताल में पिछले तीन माह में जांच के दौरान 10 लोगों को कांचबिंदू पाया गया. नेत्रतज्ञ की सलाह के अनुसार साल में दो बार आंखो की जांच करना आवश्यक है तथा जिन परिवारो में अनुवांशिक आंखो की परेशानी है, वें भी अपनी आंखो की जांच करवाएं.जिला अस्पताल में रोजाना आंख की जांच करने के लिए 50 मरीज आते है. उसी के अनुसार 200 मरीजो की आंखो की जांच की गई.
प्रकाश उत्सर्जित करनेवाले वस्तु केे साथ तेज मंडल दिखना, दृष्टि नष्ट होना, आंखे लाल होना, स्पष्ट दिखाी न देना, आंखो में दर्द होना यह कांचबिंदू के लक्षण हो सकते है. अनदेखी करने पर कायम स्वरुप अंधत्व आने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. कांचबिंदू के लक्षण दिखाई जल्दी नहीं देते. जिसकी वजह से इसे सायलेंट किलर भी कहा जाता है. परंतु इस पर उपचार किया गया तो यह ठिक हो सकता है.
* आंखो की देखरेख कैसे रखोगे?
आंखो की देखरेख के लिे स्क्रीन पर ज्यादा काम न करें. तनाव को कम करने के लिए ब्रेक ले. परिवार में किसी को अनुवांशिक बीमारी हो तो वें विशेष सावधानी बरते. समय पर डॉक्टर को दिखाए. 90 प्रतिशत मरीजो का आखिर अंतिम चरण में निदान होता है. उम्र के 40 साल के बाद हर साल आंखो की जांच करवाएं.